बिलासपुर । ओशो भगवान श्री कीर्तन मंडली छत्तीसगढ़ के संयोजक स्वामी प्रेम उत्थान ओम प्रकाश पांडे ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि ओशो का संबोधि दिवस पुणे
आश्रम में पूरी ऊर्जा के साथ मनाया जाएगा। 21 मार्च को देश विदेश से हजारों ओशो प्रेमी इसमें भाग लेने के लिए पुणे पहुंच रहे हैं।
, छत्तीसगढ़ से भी सैकड़ों अनुयायी 19,20, 21 मार्च को पुणे ओशो आश्रम में जाएंगे , ध्यान करेंगे समाधि में मौन में बैठेंगे । रोब और माला पहन कर सारे लोग कीर्तन करेंगे और सद्गुरु का ओशो का संबोधि दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाएंगे । पूना से आए हुए ओशो भगवान श्री कीर्तन मंडली के संयोजक स्वामी गोपाल भारती भी प्रेस वार्ता में उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि 30 साल से ज्यादा समय से पुराने ट्रस्टी मनमानी कर रहे हैं ।समाधि का स्वरूप बिगाड़ दिया । वहां से ओशो का चित्र हटा दिया।ओशो की समाधि नहीं है ऐसा भ्रामक और
झूठा प्रचार करते हैं । माला पहन कर कोई भी संन्यासी भीतर जाता है तो उसको प्रतिबंधित कर दिया जाता है जबकि ओशो ने ही संन्यास के समय हमको माला पहनाई थी। ओशो की सारी विरासत को नष्ट करने का प्रयत्न किया जा रहा है । पूना से हेड क्वार्टर ज्यूरिख ले जाया गया है और चार विदेशी ईसाई मिशनरी से जुड़े हुए लोग हैं जो पोप के आदमी हैं । अमेरिका की गहरी चाल के तहत पूना आश्रम को नष्ट करने पर तुले हुए हैं। पूरा ओशो आश्रम रिजॉर्ट बना दिया गया है। स्वामी गोपाल भारती ने आगे बताया कि ओशो पूरे विश्व की आध्यात्मिक चेतना के शिखर हैं। उनकी ध्यान विधियों से करोड़ों लोगों के जीवन परिवर्तित हो रहे हैं इसलिए उनके आश्रम को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। विदेशी और भारतीय ट्रस्टियों ने मिलकर समाधि की जमीन का 107 करोड रुपए में सौदा कर लिया है, जिसके पचास करोड़ एडवांस भी ले लिए हैं। इस संबंध में मुंबई चैरिटी कमिश्नर और माननीय हाईकोर्ट मुम्बई में मुकदमे भी चल रहे हैं स्वामी गोपाल भारती पूरे देश में 21 मार्च से पहले जनसंपर्क कर रहे हैं पूरे देश के लोगों को यह आह्वान कर रहे हैं की ओशो की विरासत को ओशो की समाधि को ओशो की देशना को बचाने के लिए सब लोग आवाज उठाएं । इसके लिए उन्होंने
ओशो भगवान श्री कीर्तन मंडली छत्तीसगढ़ के संयोजक के साथ मिलकर एक नगर कीर्तन का भी आयोजन किया , जिसमें सैकड़ों ओशो प्रेमियों ने बिलासपुर में नगर कीर्तन किया,जिसमें नागपुर और झारखंड से आये लोगों ने भाग लिया।एक उत्साह पूर्ण वातावरण बना और यह संकल्प किया कि 19,20 ,21 मार्च को पूना पहुंचकर ओशो की समाधि में मौन में बैठेंगे ध्यान करेंगे और ओशो की विरासत को बचाएंगे। छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर कीर्तन मंडली को लेकर जाएंगे , नगर कीर्तन के कार्यक्रम में रायपुर के स्वामी अन्तर बसंत और बिलासपुर के स्वामी प्रेम प्रदीप और अन्य लोगों ने सहयोग किया।