मतदान कराकर लौटने के बाद हालत बिगड़ी,अपोलो में ली अंतिम सांस
सूरजपुर।पेशे से सरकारी स्कूल के शिक्षक मगर समाजसेवक के रूप में अलग पहचान स्थापित कर चुके अनुरागवेंद्र सिंह बघेल का अचानक चले जाना पूरे शहर को रूला गया। हृदयाघात से उनका निधन हो गया।शहर के साथ-साथ पूरा शिक्षा विभाग शोक में डूबा हुआ है।
जिला मुख्यालय स्थित नवापारा स्कूल में संकुल प्रभारी 46 वर्षीय अनुरागवेंद्र सिंह बघेल की चुनाव ड्यूटी प्रतापपुर विधानसभा में लगी थी,वहां से मतपेटी लेकर सूरजपुर लौटने के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। किसी तरह सहयोगियों के साथ वे मतपेटी जमा कर घर लौटे। कुछ आराम महसूस करने के बाद अगले दिन स्कूल के कार्य से ऑफिस पहुंचे। वहां फिर असहज महसूस होने पर उन्हें चिकित्सालय लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद अंबिकापुर और फिर बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में रिफर कर दिया गया। इलाज के दौरान ही उन्होंने शुक्रवार को अपोलो हॉस्पिटल में हीअंतिम सांस ली। श्री बघेल अपने कार्य व्यवहार से न केवल शिक्षा विभाग में बल्कि प्रशासनिक अन्य विभागों में भी अलग पहचान रखते थे। सरल सहज स्वभाव के साथ सामाजिक कार्यों में सदैव तत्परता के साथ खड़े रहने वाले अनुराग सिंह बघेल का इस तरह जाना हर किसी को रुला गया। उनके चाहने वाले अंतिम विदाई देने उनके सूरजपुर निवास से लेकर गृह ग्राम मध्य प्रदेश के सिंगोड़ी तक पहुंचे थे।परिवारजनों को लोग ढाढ़स बंधाते रहे। अनुराग अपने पीछे पत्नी व दो छोटे बच्चों सहित भरा-पूरा परिवार रोता-बिलखता छोड़ गए।