कोरबा : भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध बालको कर्मचारी संघ (बीकेएस) के सदस्यों ने अपने दो साथियों के तबादले के विरोध में आज बालको अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई की. बालको प्रबंधन ने हाथापाई में शामिल बीकेएस के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज़ करने का अनुरोध बालकोनगर थाने में किया है. गंभीर बात यह है कि जब बालको संयंत्र के परसभाटा स्थित मुख्य प्रवेश द्वार पर हाथापाई की घटना हुई तब वहां मौज़ूद पुलिसकर्मियों ने तत्काल ना तो कोई कार्यवाही की और ना ही बीच बचाव किया. हाथापाई से दो बालको अधिकारीयों सहित चार सिक्योरिटी गॉर्ड जख़्मी हुए हैं. खबर लिखें जाने तक ज़ख़्मी बालको अधिकारिओं और सुरक्षाकार्मियों का इलाज़ बालको अस्पताल में ज़ारी था.
बताते चलें कि आज सुबह से ही बालको के दो कर्मचारी अपने परिवारजनों के साथ बालको के परसाभाटा गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे. दोनों ही कर्मचारियों का तबादला सामान्य प्रक्रिया के तहत किया गया था. परन्तु दोनों कर्मचारी इसके विरोध में लगभग चार महीने से अपनी ड्यूटी से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे. इस दौरान बालको प्रबंधन ने दोनों अनुपस्थित कर्मचारियों को नोटिस भिजवाए परन्तु इसका कोई भी जवाब कर्मचारियों ने नहीं दिया और ना ही वे ड्यूटी पर हाजिर हुए. इस कदाचार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए बालको प्रबंधन ने दोनों कर्मचारियों का वेतन रोक दिया.
आज सुबह जब कदाचार के आरोपी कर्मचारियों ने धरना शुरू किया तभी प्रबंधन ने उन्हें उनके प्रदर्शन के अवैधानिक होने की सूचना दे दी. श्रम न्यायालय के आदेश के अनुसार कोई भी धरना प्रदर्शन कारखाने के 200 मीटर के दायरे में नहीं किया जा सकता और ना ही सामान्य कामकाज को अवैधानिक तौर पर प्रभावित किया जा सकता है. यह सूचना दिए जाने पर कर्मचारी मुख्य द्वार से हट गए और धरना समाप्त कर दिया परन्तु शाम होते तक बीकेएस के सदस्य फिर से लामबंद हो गए और मुख्य प्रवेश द्वार पर आवाजाही रोक दी.
शाम को बालको अधिकारियों की एक टीम सुरक्षाकर्मियों के साथ बीकेएस के सदस्यों को समझाइस देने पहुंची. बातचीत के दौरान बीकेएस के सदस्य अचानक ही उग्र हो गए और उन्होंने बालको अधिकारियों और सुरक्षा दल के साथ हाथापाई की. घटना से चोटिल अधिकारियों और सुरक्षा दल के सदस्यों को तत्काल उपचार के लिए बालको अस्पताल ले जाया गया.
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस प्रशासन का मौन होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. ऐसे में जबकि आज सुबह से ही बालको के मुख्य गेट पर तनाव की स्थिति थी तब क्यों नहीं अतिरिक्त सुरक्षा बलों का इंतज़ाम पुलिस ने किया. चूकि बालको राष्ट्रीय महत्व का कारखाना है और सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील भी, ऐसे में आज हुई हाथापाई की यह घटना बेहद चिंताजनक है. अवैधानिक धरना प्रदर्शन से उपजी ऐसी औद्योगिक अशांति प्रदेश के साथ ही देश के विकास को अवरुद्ध करेगी. चुंकि बालको में निकट भविष्य में संयंत्र का विस्तार कार्य भी होना है ऐसे में यह जरूरी है कि प्रशासन औद्योगिक शांति और सद्भाव कायम रखने कि दिशा में कार्यवाही करे.