भोपाल। Be careful: छोटे बच्चों के हाथ में पेंसिल या अन्य नुकीली वस्तु खतरनाक हो सकती है। मंगलवार को ऐसा ही एक मामला एम्स भोपाल में सामने आया। रायसेन की रहने वाली 3 साल बच्ची ने खेल खेल में आंख में पेंसिल मार ली। पेंसिल आंख में करीब 10 सेंटीमीटर अंदर तक धंस गई। परिजनों ने बच्ची को स्थानीय अस्पताल में दिखाया तो वहां से एम्स भोपाल रैफर कर दिया गया।

Be careful: एम्स भोपाल के चिकित्सकों के मुताबिक, घर से अस्पताल तक आने और फिर ऑपरेशन के दौरान 5 घंटे से ज्यादा समय तक पेंसिल बच्ची की आंख और जबड़े की हड्डी के बीच फंसी रही। पेंसिल दिमाग की नसों तक भी पहुंच गई थी। करीब डेढ़ घंटे तकचले ऑपरेशन के बाद पेंसिल को निकाला गया। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है। आंख डैमेज नहीं हुई है। उम्मीद की जा सकती है आंख की रोशनी बच जाएगी। हालांकि, अभी इस बारे में कुछ साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता। इधर, बच्ची के परिजनों ने कहा कि एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर दिया है। उन्हें जल्द रोशनी लौटने की उम्मीद है।

Be careful: बच्ची रायसेन जिले के सुल्तानपुर की रहने वाली है। परिजन को इतना ही मालूम है कि वह आंगनवाड़ी में घायल हो गई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को इस बारे में कुछ नहीं पता। आशंका है कि बच्ची पेंसिल पर गिर गई होगी, क्योंकि पेंसिल नुकीली तरफ से नहीं, उल्टी तरफ से बच्ची की आंख के किनारे में धंसी हुई थी।न्यूरो विभाग के डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि पेंसिल 10 सेंटीमीटर तक अंदर चली गई थी। यह आंख की बाहरी परत से होते हुए आंख और ब्रेन की नसों तक चली गई थी। आंख और ब्रेन डैमेज तो नहीं हुआ है, लेकिन आंख की रोशनी के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

Be careful: एम्स के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. आदेश श्रीवास्तव ने सर्जिकल टीम को लीड किया। डॉक्टरों की टीम में न्यूरो सर्जरी से डॉ. आदेश श्रीवास्तव, डॉ. राकेश, ट्रॉमा आपातकालीन से डॉ. भूपेश्वरी और डॉ. अंशु शामिल थे। एम्स के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा, ‘यह उपलब्धि नेत्र रोग विभाग, न्यूरो सर्जरी, ट्रॉमा और आपातकालीन टीम के समर्पण और सामूहिक प्रयासों से संभव हुई।

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