अहमदाबाद। Big Cyber fraud: गुजरात के गांधीनगर में एक गवरिष्ठ महिला डॉक्टर के साथ भारत के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट स्कैम में 19.24 करोड़ रुपये की ठगी हुई। इस मामले में एक संदिग्ध को पकड़ा गया है। मार्च 2025 में शुरू हुए इस फ्रॉड में साइबर अपराधियों ने डॉक्टर को 103 दिनों तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा।

Big Cyber fraud: 15 मार्च 2025 को गांधीनगर की एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर को VIDEO कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी ज्योति विश्वनाथ बताया। इसके बाद अन्य कॉलर्स ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और नोटरी ऑफिसर के रूप में पहचान बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाया।

Big Cyber fraud: ठगों ने व्हाट्सएप के जरिए जाली ED लेटर और FEMA, PMLA के उल्लंघन से संबंधित फर्जी दस्तावेज भेजे। इन दस्तावेजों से डॉक्टर को विश्वास दिलाया गया कि वह गंभीर कानूनी संकट में हैं। स्कैमर्स ने 103 दिनों तक डॉक्टर को “डिजिटल अरेस्ट” में रखा, जिसमें वीडियो कॉल्स के जरिए उनकी निगरानी की गई और लोकेशन ट्रैक करने को कहा गया। डर के मारे डॉक्टर ने अपनी संपत्ति, शेयर, फिक्स्ड डिपॉजिट बेचे और बैंक लॉकर के सोने पर लोन लिया। डॉक्टर ने कुल 19.24 करोड़ रुपये 35 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए। यह राशि उनकी संपत्ति, शेयर, सोना और लोन से जुटाई गई थी।

Big Cyber fraud: 16 जुलाई को शिकायत के बाद गुजरात CID साइबर क्राइम सेल ने जांच शुरू की। सूरत के लालजी जयंतीभाई बलदाणिया को गिरफ्तार किया गया, जिसके खाते में 1 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए थे। पुलिस अन्य खातों और संदिग्धों की तलाश में है। कंबोडिया और भारत के साइबर गैंग का शक है । जांच में पता चला कि इस स्कैम में कंबोडिया और भारत के साइबर क्राइम गैंग्स शामिल हो सकते हैं। पुलिस अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच कर रही है।

Big Cyber fraud: पुलिस ने स्पष्ट किया कि “डिजिटल अरेस्ट” जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है। यह साइबर ठगों का डराने का तरीका है, जिसमें पीड़ित को ऑनलाइन रखकर पैसे ऐंठे जाते हैं। पुलिस ने कहा कि अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें, खासकर जो सरकारी अधिकारी होने का दावा करें। कोई भी जांच एजेंसी फोन पर पैसे ट्रांसफर करने की मांग नहीं करती। संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत 1930 या नजदीकी पुलिस स्टेशन पर दें।

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