पटना। Bihar Bandh : बुधवार को बिहार बंद के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पटना पहुंचे और विपक्षी महागठबंधन के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। दिल्ली से सीधे राजधानी पटना पहुंचे राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के साथ इनकम टैक्स गोलंबर से चुनाव आयोग कार्यालय तक पैदल मार्च किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें सचिवालय थाने के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। बैरिकेडिंग के सामने खड़े होकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “मैं बिहार और पूरे देश को बताना चाहता हूं कि जैसे महाराष्ट्र में चुनाव चुराया गया था, वैसे ही अब बिहार में वही साजिश की जा रही है। चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रही, उसने बिहार को भी महाराष्ट्र बना दिया है।”
Bihar Bandh : राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बीजेपी और आरएसएस की भाषा बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब हमारे प्रतिनिधि चुनाव आयोग से मिलने गए, तो ऐसा महसूस हुआ कि वे किसी स्वतंत्र संस्था से नहीं, बल्कि बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा, “आप कानून से ऊपर नहीं हैं, एक दिन यही कानून आप पर भी लागू होगा।”
Bihar Bandh : राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “आप भूल रहे हैं कि आप भाजपा के प्रवक्ता नहीं हैं। संविधान के तहत काम करिए, नहीं तो जनता माफ नहीं करेगी। गरीबों का वोट छीनने की साजिश देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। बिहार की जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।” हालांकि प्रदर्शन कर रहे नेता चुनाव आयोग कार्यालय से महज 150 मीटर दूर थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां तक नहीं जाने दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध में उग्रता और जोश साफ तौर पर नजर आया।
Bihar Bandh : बिहार बंद में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, वाम दलों, पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी, वीआईपी पार्टी समेत छह से अधिक दलों ने भाग लिया। राहुल गांधी का पटना आकर प्रदर्शन में शामिल होना महागठबंधन की एकता का मजबूत संदेश माना जा रहा है। बंद के दौरान बिहार के सात प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया और 12 राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम कर दिया गया। आम जनता कई जिलों में घंटों जाम में फंसी रही। राहुल गांधी के बयान और विपक्ष के तेवरों से साफ है कि 2025 विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की निष्पक्षता एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनने जा रहा है, जिसे विपक्ष संसद से सड़क तक उठाने की तैयारी कर चुका है।

