बिलासपुर। Bilaspur politics: निष्कासन के मुद्दे पर बिलासपुर में कांग्रेस जैसे दो फाड़ हो गई है। खेमों में  बंटी कांग्रेस की खेमेबाजी पूरी तरह सतह पर आ गई है। लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही। नेता आरोप- प्रत्यारोप पर उतर आएआए  हैं।


Bilaspur politics:  इस मामले में टिप्पणी करके चर्चा में आए कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने पार्टी से अपने निष्कासन की कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय की अनुशंसा पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और वे बड़ी संख्या में बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को देखते हुए समीक्षा बैठक आवश्यक है। उन्होंने दावा किया कि हज़ारों की संख्या में कार्यकर्ता इस बैठक में शामिल होंगे और जिला कांग्रेस अध्यक्षों के खिलाफ नाराजगी जताएंगे।


Bilaspur politics: अटल श्रीवास्तव ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिलासपुर में दोनों ही जिला अध्यक्ष पूरी तरह से निरंकुश हो चुके हैं और वे मनमाना फैसला दे रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि बिलासपुर में पार्षद प्रत्याशियों की अधिकृत सूची जारी होने से पहले ही इन लोगों ने अपनी सूची जारी कर दी। इतना ही नहीं इसमें तीन बार बदलाव किया गया। 12 से 15 प्रत्याशियों के नाम बदल गए। यहां तक की बी फार्म तक बदल दिए गए। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस के 10 पार्षदों की जमानत जप्त हो गई ।


Bilaspur politics:  अटल श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने इस संबंध में उच्च पदाधिकारियों से चर्चा की है और उन्होंने 23 तक उन्हें खामोश रहने के लिए कहा है। 23 फरवरी के बाद इस पर निश्चित रूप से समीक्षा होगी और बातचीत की जाएगी। हम कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, यदि पार्टी नेतृत्व निष्कासन की अनुशंसा करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करता, तो हम कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर सच्चाई सामने लाएंगे।

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