बिलासपुर। केंद्रीय जीएसटी की टीम ने बिना किसी अंतर्निहित वस्तुओं की आपूर्ति के नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने एवं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की बड़े पैमाने पर चोरी के मामले में एक कारोबारी को गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने कारोबारी को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया है।
केन्द्रीय जीएसटी के अधिकारियों के अनुसार मेसर्स ज्योति ट्रेडिंग एंड कंपनी, मेसर्स क्लिफो ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स एस.एस. इंडस्ट्रीज और मेसर्स साई एंटरप्राइजेज के विरुद्ध फर्जी आईटीसी तथा अभियोजन सेल, सीजीएसटी रायपुर ने बिलासपुर डिवीजन के अधिकारियों के साथ उपरोक्त फर्मों के परिसर में छापा मारकर कार्रवाई की |
जांघ में पता चला कि श्री संजय शेंडे, जो उपरोक्त सभी चार फर्मों को नियंत्रित कर रहे हैं, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने में शामिल हैं । उन्होंने अस्तित्वहीन फर्मों के माध्यम से 10.14 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया और उसका उपयोग किया । नई दिल्ली स्थित 22 अस्तित्वहीन तथा अकार्यशील फ़र्मों ने बिना किसी अंतर्निहित सामान और सेवाओं की आपूर्ति के नकली बिल तैयार किए हैं और मैसर्स. ज्योति ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स क्लिफो ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स एस.एस. एंटरप्राइजेज और मेसर्स साई इंडस्ट्रीज को जारी किए ।
अभियुक्त ने उपरोक्त आधार पर अपने बाहरी जीएसटी दायित्व के भुगतान के लिए नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया और उपयोग किया । कारोबारी संजय शेंडे को सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69(1) के प्रावधानों के तहत केंद्रीय जीएसटी टीम द्वारा गिरफ्तार कर सीजेएम अदालत में पेश किया । कोर्ट ने कारोबारी को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया है। सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरों के खिलाफ विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।