देश के जाने – माने पत्रकार ने
बिलासपुर ( fourthline)। देश के नामचीन पत्रकार राजेश बादल ने अपनी 50 वर्ष की पत्रकारिता के अनुभव बिलासपुर प्रेस क्लब में साझा की उन्होंने महात्मा गांधी की पत्रकारिता को सर्वश्रेष्ठ बताया उन्होंने कहा आज पत्रकारिता की चुनौतियां बढ़ रही हैं आज के दौर के पत्रकारों को सरोकारों के पैमाने पर चलना पड़ेगा।
श्री बादल ने कहा 1980 में वे पहली बार छत्तीसगढ़ आए थे , जब नई दुनिया की ओर से उन्हें रिपोर्टिंग के लिए भेजा गया था। इसके बाद नवभारत टाइम्स फिर आज तक के लिए आते रहे। उन्होंने पत्रकारिता को कभी भी व्यवसाय नहीं माना । 5 रूपए महीने की तनख्वाह से उन्होंने काम शुरू किया था । प्रख्यात काकोरी कांड के एक सदस्य की प्रेरणा से वे पत्रकारिता में आए । राजेंद्र माथुर से उन्हें बहुत कुछ सीखने मिला । 23 साल पहले उन्होंने अपना डिजिटल पोर्टल शुरू किया था। उन्होंने 1977 -78 में यूपी की एक दुष्कर्म की घटना के बारे में बताया, जिसने समाज को हिला दिया था । जुलूस , विरोध, फायरिंग जिसमें कुछ लोग मारे भी गए थे । छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म की इस घटना में एक पुलिस वाला आरोपी था। यह रिपोर्ट छपने से सरकार नाराज हो गई थी। उन्हें काफी उत्पीड़ितन किया गया, किसी ने मदद नहीं की । इस घटना के बाद उन्हें यूपी छोड़कर भोपाल जाना पड़ा । यहां आंचलिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष ने मदद की। सारा मामला तत्कालीन मंत्री अर्जुन सिंह को बताया गया, जिनके प्रयास से न्यायिक जांच आयोग बैठा । पत्रकार के पक्ष में फैसला हुआ और कलेक्टर को बहुत दूरस्थ इलाके में भेज दिया गया ।
इसी तरह शंकर गुहा नियोगी हत्याकांड में जब अपनी रिपोर्ट में कुछ साक्ष्य प्रस्तुत किए तो प्रशासनिक और स्थानीय नेताओं का दबाव बहुत बढ़ गया। बार-बार खंडन छापने कहा गया। खंडन ना छापने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया । उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता पर राजनैतिक दबाव और बाजार का दबाव दोनों है, मैनेजमेंट भी लेखन पर हावी है। उन्होंने कहा महात्मा गांधी से बड़ा पत्रकार पूरी दुनिया में कोई नहीं । जैसी स्वस्थ पत्रकारिता उन्होंने की कोई नहीं कर सकता। भगत सिंह भी सर्वश्रेष्ठ पत्रकार थे। 6 साल में ही उन्होंने उन ऊंचाइयों को छुआ जहां तक कोई नहीं पहुंच पाता।
पाकिस्तान नकली देश
श्री बादल ने कहा पाकिस्तान एक नकली देश है । पाकिस्तान का जन्म मुस्लिम लीग के प्रयास से हुआ था, लेकिन सिंध , बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान इसके विरोध में थे । उन्होंने कभी मुस्लिम लीग का साथ नहीं दिया। स्वयं जिन्ना ने मौत से पहले कहा था मुझे हिंदुस्तान ले चलो पाकिस्तान बनाने के लिए मुझे नेहरु से माफी मांगना है । उन्होंने कहा पाकिस्तान में नई पीढ़ी भारत के लिए नफरत लेकर पैदा हो रही है। पाकिस्तान की हालत इन दिनों बेहद खराब है , जो नकली होता है उसका यही हाल होता है । पाकिस्तान के सेना अधिकारी आज अपनी अपनी फैक्ट्रियां खोल चुके हैं । यहां तक कि बहुत से सैनिक अपनी कंपनियां खोल चुके हैं , ऐसा कहीं नहीं होता । पाकिस्तान की अवाम भूखों मर रही है , सेना करोड़ों में खेल रही है। यहां की सेना राजनीति पर हावी है। दर दर पर आर्थिक सहायता मांगने वाला पाकिस्तान असली देश कैसे हो सकता है।
इस पाहुना कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार सतीश जायसवाल द्वारका प्रसाद अग्रवाल आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र साहू श्री कुमार सुमित शर्मा प्रेस क्लब अध्यक्ष वीरेंद्र गहवाई उपाध्यक्ष विनीत चौहान सचिव इरशाद अली जितेंद्र सिंह ठाकुर रितु साहू राजेश अग्रवाल अतुल कांत खरें विशाल झा,राज गोस्वामी सहित बहुत से पत्रकार व सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता के विद्यार्थी उपस्थित थे।