बिलासपुर/रायपुर। Chhattisgarh highcourt: बहुचर्चित रामअवतार जग्गी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर, अभय गोयल, चिमन सिंह समेत 29 अभियुक्तों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। 

Chhattisgarh highcourt: अभियुक्तों ने जिला अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिला अदालत ने उक्त सभी अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सीबीआई ने पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को मुख्य आरोपी बनाया था। बाद में अमित जोगी को कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जो विचाराधीन है। इस मामले में कुल 31 आरोपी बनाए थे। इनमें से दो बुल्ठु पाठक और सुरेन्द्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। 

Chhattisgarh highcourt: चीफ जस्टिस की बैंच में प्रकरण पर सुनवाई हुई, और सभी 29 अभियुक्तों की कैद की सजा बरकरार रखी है। इनमें से 5 आरोपी याहया ढेबर, अभय गोयल, शूटर चिमन सिंह, और आरके त्रिवेदी, तत्कालीन सीएसपी एएस गिल को आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। बाकी आरोपियों को भी सजा हुई थी। 

Chhattisgarh highcourt: रामावतार जग्गी के पुत्र सतीश जग्गी ने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पिता की आत्मा और जग्गी परिवार को सुकून मिला है। सतीश जग्गी ने कहा कि अमित को सजा दिलवाने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। पूर्व में जांच एजेंसियों ने अमित को मुख्य षडय़ंत्रकारी बताया था। एनसीपी के कोषाध्यक्ष रामअवतार जग्गी की हत्या 4 जून वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मौदहापारा इलाके में गोली मारकर की गई थी। उस समय एनसीपी के अध्यक्ष स्व. विद्याचरण शुक्ल थे।

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