बिलासपुर। Chhattisgarh High court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति  दी है। कोर्ट ने गर्भपात कराने से पहले DNA टेस्ट कराने का भी आदेश दिया है, ताकि आरोपी को सजा दिलाई जा सके। यह निर्णय मेडिकल रिपोर्ट के बाद लिया गया, जिसमें कहा गया है कि गर्भपात कराया जा सकता है।

Chhattisgarh High court: हाईकोर्ट ने गुरुवार को  कलेक्टर की तरफ से मेडिकल बोर्ड  की रिपोर्ट के बाद  यह इजाजत दी, जिसमें बताया गया कि युवती का गर्भपात कराया जा सकता है। हालांकि इस एक पन्ने की रिपोर्ट पर जस्टिस रवींद्र अग्रवाल ने नाराजगी भी जताई और कहा कि शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक युवती का संपूर्ण मेडिकल परीक्षण किया जाना चाहिए था, जिसमें ब्लड टेस्ट, एचआईवी टेस्ट और सोनोग्राफी जांच शामिल होनी चाहिए थी। इसके बाद मेडिकल बोर्ड ने माफी मांगी और विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा।

Chhattisgarh High court: विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार सुबह 11 बजे युवती को जिला अस्पताल में अबॉर्शन कराने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट आशीष तिवारी ने अनुरोध किया कि चूंकि युवती दुष्कर्म पीड़िता है, इसलिए अबॉर्शन से पहले उसका DNA परीक्षण कराया जाए, ताकि आरोपी को सजा दिलाने में मदद मिल सके। इस पर हाईकोर्ट ने तारबाहर थाना प्रभारी को एसपी के माध्यम से DNA जांच  कराने का आदेश दिया।

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