बिलासपुर। Chhattisgarh High court:  छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर के बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट से लगी सेना  की जमीन पर मुरूम की अवैध खुदाई पर  स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र अग्रवाल की विशेष बेंच ने इस पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय से शपथपत्र में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई अब 9 जनवरी 2025 को होगी।

Chhattisgarh High court: बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट चकरभाठा से लगी सेना की जमीन से अवैध रूप से मुरूम का उत्खनन किए जाने की खबरें मीडिया में आईं थीं। इस पर सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता राजकुमार गुप्ता ने कोर्ट में गूगल के माध्यम से निकला नक्शा पेश किया और तर्क दिया कि 2012 में भी उस जगह पर गड्ढा मौजूद था, लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को अमान्य कर दिया और कहा कि गूगल पर हर समय विश्वास नहीं किया जा सकता।


Chhattisgarh High court: अतिरिक्त महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए आगे कहा कि गांव और आसपास के लोग भी यहां से मुरुम ले जाते रहे हैं। इसे लेकर कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में जिम्मेदारों की आंखें बंद रहती हैं ? ऐसा नहीं चल सकता कि गांव वाले बेचारे ले गए हैं..! ये जो बड़े- बड़े लोग हैं,इसके पीछे हैं..! रक्षा मंत्रालय का पक्ष रखते  हुए अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी, कलेक्टर, इस जमीन पर हो रहे अवैध उत्खनन पर रोक लगाएं। कोर्ट ने इस पूरे मामले में अब शासन और केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय विभाग से शपथपत्र पर जवाब मांगा है।

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