कोरबा । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोरबा जिले में 1,320 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन कोरबा का शिलान्यास किया। यहां पर 660 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित होंगी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में बिजली उत्पादन कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 2978.7 मेगावाट है। राज्य स्थापना के समय उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ जीरो पॉवर कट स्टेट बना हुआ है। प्रदेश में तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए कोरबा में 660-660 मेगावाट की दो नई इकाइयों की स्थापना की जा रही है। 1320 मेगावाट का यह सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन प्रदेश का सबसे बड़ा और आधुनिक संयंत्र होगा। इससे एक ओर प्रदेश बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा। वहीं दूसरी ओर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने 25 अगस्त 2022 को इस संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया था। इस पर तेज गति से कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी ने आवश्यक अनुमति और स्वीकृतियां प्राप्त की। संयंत्र में 660 मेगावाट की एक इकाई से साल 2029 और 660 मेगावाट की दूसरी इकाई से साल 2030 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। नए संयंत्र की स्थापना पुराने एचटीपीएस परिसर की 71 हेक्टेयर भूमि में होगी। प्रस्तावित नई परियोजना के लिए 28 एमसीएम पानी की आवश्यकता और 6.5 एमटीपीए कोयले की आवश्यकता होगी।