कलेक्टर व नगर निगम अधिकारियों
से मिलकर रखी अपनी बात
बिलासपुर । शहर की जीवनदायिनी नदी अरपा के तट पर पुराने पुल के साथ पले बढ़े विशाल पीपल वृक्ष को रिवरफ्रंट सौंदर्यीकरण योजना के अंतर्गत नगर निगम बिलासपुर के अधिकारियों द्वारा काटने का निर्णय लिया गया है।
नगर निगम प्रशासन के द्वारा लिए गए इस निर्णय से शहर की जनता आक्रोशित है। आज शहर के कुछ नागरिक इस पीपल वृक्ष के नीचे एकत्र हुए और उन्होंने प्रशासन के इस निर्णय की भर्त्सना की। कामरेड नंद कश्यप ने इस वृक्ष के और नदी के महत्व को बताते हुए कहा कि पूरी दुनिया में वृक्षों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं और नदियों पर स्थित सभी बाधाओं को हटाकर उन्हें स्वच्छंद बहने दिया जा रहा है ।इसके विपरीत हमारी सरकारें नदियों के बहाव में बाधाएं खड़ी कर रही हैं और उसके तट स्थित हरियाली को नष्ट कर रही हैं।
असीम तिवारी ने कहा कि इस वृक्ष के नीचे शवयात्राएं कुछ वक्त के लिए विश्राम करती हैं और कुछ संस्कार करने के पश्चात श्मशान घाट के लिए रवाना होती हैं। मृतकों के क्रियाकर्म दशगात्र इत्यादि भी इस वृक्ष के नीचे संपन्न किए जाते हैं। हमारी संस्कृति परंपरा से जुड़े ऐसे वृक्ष को काटना अपराध होगा।
प्रथमेश सविता ने कहा कि भूमंडलीय 45-50 डिग्री के तापमान में इंसानों और पशु -पक्षियों का जीवन कठिनतम होता जा रहा है। शहरीकरण की वजह से दिनोंदिन हरियाली नष्ट हो रही है। भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इस वक्त ऐसे विशाल बड़े वृक्षों की महत्ता बढ़ जाती है, जो तापमान नियंत्रित रखने में सहायक होते हैं और बड़ी मात्रा में वर्षा जल को संग्रहित कर भूजल स्तर को बढ़ाते हैं । पंसाथ ही नदी के कटाव को रोकते हैं।
वृक्ष के नीचे प्रदर्शन के पश्चात सभी नागरिकों ने जिलाधीश कार्यालय व नगर निगम जाकर अधिकारियों को उपरोक्त पीपल वृक्ष न काटने हेतु ज्ञापन दिया।
ज्ञापन देने वाले प्रमुख नागरिकों में नंद कश्यप, बी आर कौशिक, सुरेन्द्र वर्मा, असीम तिवारी, योगेश गुप्ता, पवन पांडेय, महमूद हसन रिजवी, महावीर बरगाह, श्रुति देवांगन, संजय पांडेय, सागर तिवारी, अनिल, आशीष जयसवाल, कोमल सिंग, शिवा मिश्रा, भागवत साहू, मनोज सोनी, प्रथमेशसविता के अलावा बड़ी संख्या में नागरिक शामिल थे।