बिलासपुर (fourthline )।बाल कल्याण समिति का विवाद अब सीएम हाउस तक पहुंच गया है। बिलासपुर के अपर कलेक्टर श्री कुरुवंशी ने बताया जांच रिपोर्ट तैयार हो रही है और शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
बाल कल्याण समिति बिलासपुर में एक सदस्य को विधि विरुद्ध संरक्षण देने के लिए नियमों को ताक पर रखकर काम करने का आरोप लगाया गया है । इधर दूसरी महिला कर्मचारी ने अध्यक्ष पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया है। अपर कलेक्टर के सामने दोनों ही पक्ष उपस्थित हुए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर कलेक्टर जांच रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हुए हैं। यह मामला सीएम हाउस तक पहुंच गया है।

श्री कुरुवंशी ने बताया कि नियुक्ति के बाद से दो महिला सदस्यों में विवाद छिड़ा हुआ है । पूर्व में भी जांच समिति बनी थी, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला । मिली जानकारी के मुताबिक एक सदस्य के ऊपर तक पहुंच होने के कारण कार्रवाई टल जाती है। समिति में 5 सदस्य हैं और समिति दो भागों में विभाजित हो गई है । और दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
जिला बाल कल्याण कल्याण समिति में 3 वर्षों के लिए 4 सदस्यों और एक अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है। बिलासपुर जिले की समिति का कार्यकाल समाप्त हुए 2 वर्ष बीत चुके हैं। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष असीम मुखर्जी हैं और सदस्य डॉक्टर आरती सिंह। दोनों के खिलाफ पूर्व में शिकायत की गई थी। दो अन्य सदस्य रीता राजगीर और वर्षा मिश्रा है। समिति में कार्यरत एक महिला कंप्यूटर ऑपरेटर ने भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।उल्लेखनीय है कि एक महिला सदस्य पर जातिगत गाली गलौज करने का प्रकरण भी कोर्ट में पेश हुआ था। देवरी निवासी अनिता बंजारा की रिपोर्ट पर एट्रोसिटी के तहत कार्रवाई हुई थी। इन परिस्थितियों की शिकायत मिलने पर रायपुर संचालनालय से कलेक्टर को जांच समिति बनाने कहा गया था। इसके बाद अपर कलेक्टर कुरुवंशी ने नोटिस जारी कर 10 मार्च को सम्बद्ध पक्षों को बुलाया और बयान लिया । इस आपसी खींचतान का असर समिति के क्रियाकलापों पर पड़ रहा है।

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