अतुल कांत खरे
बिलासपुर (fourtline)। कोरोनावायरस तेजी से पैर पसार रहा है ।आज देश भर में 4000 से ज्यादा केस दर्ज किए गए। कोरोनावायरस से निपटने के लिए इस बार चित्रकूट में कोरोना फाइटर च्यवनप्राश बनाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत कारगर होगा।

च्यवनप्राश निर्माण के डायरेक्टर डॉ. आरके श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार च्यवनप्राश च्यवन विधि से तैयार किया जा रहा है। जिसमें पूरे 40 सप्लीमेंट हैं। कोरोनावायरस के लिए ये सारे सप्लीमेंट बहुत कारगर रूप से काम करते हैं और यह 12 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को दिया जा सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार कोरोना की दवाइयों के साथ च्यवनप्राश देने से बहुत लाभ होता है। इसमें प्रधान द्रव्य आंवला ,संसाधन द्रव्य यमक द्रव्य और प्रक्षेप द्रव्य केसर नागकेसर पीपली छोटी इलायची दालचीनी वंशलोचन शहद और तेजपाल शामिल है।
डॉ श्रीवास्तव ने बताया की पीपली कोरोना से निपटने में बहुत फायदेमंद है। इसी तरह हरितकी, जीवंती हरड़ , सफेद मूसली ,काली मूसली , छोटी कंटकारी ,बड़ी कंटकारी , गोसुर नागर मोथा , काकनाश और वसा पत्र कोरोना की दवाइयों के साथ बहुत कारगर सिद्ध होते हैं। इसी तरह गोखरू, काकड़ा सिंगी, मुनक्का और गिलोय यह सब बहुत तेजी से इम्युनिटी बढ़ाते हैं। अडूसा ,कसूर पुष्कर मूल श्वास की व्यवस्था को एकदम तंदुरुस्त करते हैं । कमल गट्टा, पुनर्नवा , काकोली छाल शरीर की शक्ति को बढ़ाकर वायरस से लड़ने में मदद करते हैं।

चित्रकूट में 50 से ज्यादा लोगों की यूनिट है, जो दो सत्रों में फाइटर च्यवनप्राश का निर्माण करती है। इसमें आयुर्वेद के छात्र छात्राएं भी शामिल हैं , जो सब घटकों को मात्रा के अनुसार मिलाने में मदद करते हैं। अभी यह च्यवनप्राश मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भेजा जाता है ।क्योंकि बहुत ज्यादा डिमांड है इसलिए शीघ्र बड़ी इकाई लगाई जाएगी , जिसके लिए शासन से सहयोग मांगा गया है। यह एक जबरदस्त इम्यूनिटी बूस्टर है , जो पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है और हीमोग्लोबिन की दर और प्लेटलेट्स की दर को भी नियंत्रित करता है क्योंकि कोरोनावायरस प्लेटलेट्स को एकदम घटा देता है।

शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट

इसमें प्रमुख घटक आंवला होता है, जो बहुत शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है । इसमें एंटीकार्सिनोजेनिक और एंटी म्यूट आयनिक एक्टिविटीज होती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बहुत अधिक मजबूत करता है । यह शरीर में बलगम नहीं बनने देता और वायु मार्ग को भी एकदम साफ रखता है । इसका सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार करना चाहिए , जिन लोगों को सांस की बीमारी है उन्हें दूध और दही के साथ च्यवनप्राश नहीं खाना चाहिए। अब शुगर फ्री भी बन रहा है , जिससे डायबिटीज के रोगी इसका सेवन कर सकते हैं।

कोरोना के सभी वेरिएंट से मुकाबला

कोरोना के सभी वेरिएंट ओमिक्रोन डेल्टा और अभी आए नए वेरिएंट से मुकाबला करने में इम्यूनिटी बूस्टर बहुत बेहतर साबित हो सकता है क्योंकि इस बार नए वेरिएंट में लक्षण दिखने में 14 दिन तक का समय लग जाता है । महर्षि च्यवन की विधि से बन रहा यह च्यवनप्राश दवाओं के साथ लेना शरीर का बहुत बड़ा रक्षक बन सकता है।

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