विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत होंगे मुख्य अतिथि, स्वास्थ्य मंत्री सिहदेव अध्यक्षता करेंगे
बिलासपुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ शिव दुलारे मिश्र स्मृति संस्थान के द्वारा 9 अप्रैल को पूर्व मंत्री डॉ श्रीधर मिश्र उर्फ चतरू बाबू के जन्म शताब्दी वर्ष पर उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए शहर में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीधर मिश्र स्मृति ग्रंथ का विमोचन किया जाएगा,तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार एवं समाज सेवा हेतु संकल्पित वरिष्ठ जनों का सम्मान भी किया जाएगा। लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत होंगे । कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ,संसदीय सचिव रश्मि सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधायक सत्यनारायण शर्मा ,अमितेश शुक्ल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक, विधायक धर्मजीत सिंह ,शैलेश पांडे, महापौर रामशरण यादव पूर्व चुनाव आयुक्त एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुशील त्रिवेदी पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव मौजूद रहेंगे। प्रेस क्लब में कार्यक्रम की जानकारी देते हुए शिवा मिश्र, बद्री जायसवाल, डॉ विजय सिन्हा,अनिल तिवारी ने बताया कि इस अवसर पर जहां स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के परिवार का सम्मान किया जाएगा वहीं डॉक्टर श्रीधर मिश्र के द्वारा विविध आयामों की जानकारी पुस्तक के जरिये दी जाएगी। शिवा मिश्रा ने बताया कि डा श्रीधर मिश्र नगरपालिका बिलासपुर में 1968 से 72 तक अध्यक्ष रहे, एवं 1972 से लेकर 77 तक अविभाजित मध्यप्रदेश में प्रदेश शासन के स्वास्थ्य मंत्री तथा यहां के विधायक भी रहे हैं । उन्होंने अपने राजनीतिक कार्यकाल में बिलासपुर शहर के विकास हेतु महत्वपूर्ण कार्य जिसमें प्रमुख रुप से तेलीपारा वाला बस स्टैंड, तरुण पुष्कर, वेस्टर्न कोलफील्ड के मुख्यालय की स्थापना, प्रथम भूमिगत नाली पर योजना का शुभारंभ,मेडिकल कॉलेज की संरचना एवं धर्म अस्पताल मे 450 बिस्तर अस्पताल की परिकल्पना एवं मूर्तरूप डॉक्टर श्रीधर मिश्र ने ही दिया था। आयोजन समिति के प्रमुख अनिल तिवारी तथा बद्री जायसवाल ने बताया कि कानन पेंडारी में वन्य जीव संरक्षण के लिए कानन पेंडारी का शुभारंभ 1976 में डॉक्टर श्रीधर मिश्र ने ही किया था। तत्कालीन वन मंत्री मथुरा प्रसाद दुबे थे वे भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। व्यवस्थित सब्जी बाजार, गार्डन की कल्पना भी उन्होंने ही की थी। आयोजन समिति के विजय सिंह,बद्री जयसवाल ने बताया कि 25 नवंबर 1933 को रायपुर से गांधी जी खुली जीप से बिलासपुर तक आए थे उनका यहां भव्य स्वागत किया गया था।श्री गांधी जिस कुर्सी में बैठे थे वह कुर्सी आज भी पंडित श्री दुलारे मिश्र के घर में धरोहर के रूप में रखी हुई है।इसी तरह रक्तचाप मापने वाली मशीन जिससे महात्मा गांधी का परीक्षण किया गया था वह मशीन भी मिश्रा परिवार ने एक धरोहर के रूप में सहेज कर रखी है।आयोजन समिति ने बताया कि महात्मा गांधी जी जब शहर आए थे तब श्रीधर मिश्र की आयु लगभग 10 वर्ष की थी,जो स्वागत भीड़ में उपस्थित थे।

Previous articleहवाई सेवाओं में मनमानी का जबरदस्त विरोध , बिलासपुर स्वस्फूर्त बंद रहा, सड़कों पर निकले लोग
Next articleप्रदेश प्रभारी शैलजा से नायक ने की शिष्टाचार भेंट, बताया बिलासपुर संभाग की सभी सीटें जीतेंगे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here