नई दिल्ली। ED Raid against IAS Sanjeev Hans: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ईडी ने संजीव हंस और उनके करीबी सहयोगियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी की। दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में हुई इस छापेमारी में करोड़ों रुपये के अवैध संपत्ति के दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
ED Raid against IAS Sanjeev Hans: ईडी की छापेमारी में संजीव हंस के करीबी सहयोगियों के डीमेट अकाउंट से 60 करोड़ रुपये के शेयर मिले, जो कथित तौर पर आय के स्रोत को छिपाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। इसके अलावा, 70 बैंक खातों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी मिली है, जिसे फ्रीज कर दिया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि संजीव हंस ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके धन अर्जित किया था, जिसे सफेद करने में उनके सहयोगियों ने मदद की थी।
ED Raid against IAS Sanjeev Hans: ईडी की जांच के अनुसार, संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ एक महिला द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद मामला सामने आया। महिला का आरोप है कि 2016 में गुलाब यादव ने उसे राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाने का झांसा देकर दुष्कर्म किया। इसके बाद, 2017 में संजीव हंस और गुलाब यादव ने कई होटलों में जाकर भी उसे उत्पीड़ित किया। मामला तब और बढ़ा जब महिला को 90 लाख रुपये कैश और एक लग्जरी कार देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई। इसके बाद, ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में संजीव हंस के खिलाफ जांच शुरू की और उनके ठिकानों पर छापेमारी की।
ED Raid against IAS Sanjeev Hans: संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। पंजाब के रहने वाले संजीव ने बीटेक करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईएएस बने। उन्होंने बिहार के कई जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और जल संसाधन, स्वास्थ्य और सामान्य प्रशासन विभाग में अपनी सेवाएं दी। वे वर्तमान में बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रह चुके हैं। संजीव हंस के खिलाफ इस मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति मामले में अब तक कई अहम सबूत सामने आ चुके हैं। ईडी की जांच में कई बेशकीमती घड़ियां, सोने के गहने और एक रिसोर्ट का भी पता चला है, जो संजीव हंस के नाम पर है। अब यह देखना होगा कि आगे चलकर इस मामले में और कौन सी नई जानकारी सामने आती है।