दूसरे राज्यों में एक से अधिक एयरपोर्ट योजना में , हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने भेदभाव का किया विरोध
केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह से हस्तक्षेप की मांग ,स्थानीय सांसद से भी अपील
बिलासपुर / अम्बिकापुर। एक बार फिर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एएआई) ने बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के साथ छलावा करते हुए उड़ान योजना की सूची से बिलासपुर और जगदलपुर का नाम हटा दिया है। इन दोनों एयरपोर्ट से केवल एक एक उड़ान ही संचालित है। दोनों एयरपोर्ट अंडरसर्वेड की श्रेणी में आते है। दूसरे राज्यों के ऐसे कई एयरपोर्ट इस सूची में शामिल है। अब सिर्फ एक अम्बिकापुर एयरपोर्ट को उड़ान योजना में रखा गया है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि एएआई हमेशा से बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास में बाधक बन रही है । पहले भी उसके द्वारा बिलासपुर भोपाल उड़ान को उड़ान योजना के तहत स्वीकृत होने के बावजी 3 साल के पहले बंद करने पर अलायंस एयर कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। समिति ने कहा कि एएआई ने उड़ान योजना के मापदंडो में फेरबदल कर एक एयरपोर्ट पर सप्ताह में 7 से अधिक लैंडिंग टेकऑफ होने पर एयरपोर्ट को अंडर सेर्वेड श्रेणी से बाहर कर दिया है। बिलासपुर एयरपोर्ट में केवल ८ लैंडिंग टेकऑफ है। और व्यावहारिक रूप से एक ही फ्लाइट है। जगदलपुर में भी केवल एक फ्लाइट संचालित है । रायपुर- जगदलपुर- हैदरबाद जिसे दो फ्लाइट मान कर जगदलपुर को भी उड़ान योजना से बाहर कर दिया गया है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह को ज्ञापन भेज नागरिक उड्डयन मंत्री से मिलवाने की मांग की है। साथ ही स्थानीय सांसद से भी अपील की है कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए छत्तीसगढ़ में एएआई द्वारा किये जा रहे भेदभाव को समाप्त कराये.
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महाधरना आज भी जारी रहा । धरने में बद्री यादव, देवेंद्र सिंह, महेश दुबे, शिवा मुदलियार, रंजीत खनूजा, मनोज श्रीवास, मनोज तिवारी, राकेश शर्मा, समीर अहमद, विजय वर्मा, अनिल गुलहरे, केशव गोरख, दीपक कश्यप, संजय पिल्लै, प्रकाश बहरानी, अशोक भंडारी, रशीद बखस, संतोष पीपलवा, फागुराम निषाद, हीरा लाल कैवर्त, विजय वर्मा, हसीन अली, नरेश यादव बद्री प्रसाद कैवर्त, हर प्रसाद कैवर्त, गुनाराम सोनी के के मिश्रा, गोपाल दुबे, चंद्रप्रकाश जायसवाल, और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

