नई दिल्ली। Fake news post: फेक न्यूज़ पोस्ट करने वालों पर नकेल कसने केंद्र सरकार कड़ा नियम लागू करने जा रही है। फैक्ट चेकिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए आगामी डिजिटल इंडिया विधेयक में मोदी सरकार नया प्रावधान जोड़ने जा रही है। अब फैक्ट चेकिंग प्लेटफॉर्म्स को सरकार से रजिस्ट्रेशन हासिल करने की जरूरत पड़ेगी है। विधेयक पास होने के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
Fake news post: बता दें इसी साल अप्रैल महीने में केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नया फैक्ट चेक निकाय बनाने की घोषणा की थी। उस समय सरकार ने जहां इसे फेक न्यूज़ रोकने की दिशा में बड़ा कदम बता रही थी। लेकिन, विपक्षी पार्टियां इसे सेंसरशिप की आहट के रूप में भी देख रही थी। अब खबर आ रही है की सरकार अगले कुछ महीनों के भीतर डिजिटल इंडिया विधेयक के माध्यम से कड़े नियम जोड़ने जा रही है।
Fake news post: क्या नियम जुड़ेंगे
जैसे ही मोदी सरकार डिजिटल इंडिया विधेयक के माध्यम से इसमें नए प्रावधान जोड़ेगी वैसे ही ऑनलाइन फैक्ट चेकिंग प्लेटफॉर्म्स को सरकार से रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसा इन प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है, ताकि फैक्ट चेक के नाम पर गलत न्यूज़ का फैलाव न हो सके।
Fake news post: जानकारी के मुताबिक रजिस्ट्रेशन की इस प्रक्रिया को कई चरणों में पूरा किया जा सकता है। पहले चरण में पुराने और बड़े मीडिया संस्थानों को रजिस्ट्रेशन का मौका दिया जा सकता है। इसके साथ ही विधेयक में अलग.अलग ऑनलाइन मध्यस्थों के वर्गीकरण पर भी विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही इसमें फैक्ट.चेक करने वाले पोर्टल्स भी शामिल होंगे। सरकार के तरफ से भी पूरी तैयारी हो चुकी है और बिल का मसौदा अंतिम दौर में है।
0-Fake news post: कब आएगा मसौदा
बता दें कि विधेयक का मसौदा इसी जून महीने के अंत या जुलाई महीने की शुरुआत में सरकार द्वारा जारी किया जा सकता है। सरकार द्वारा नए विधेयक में फेक न्यूज के अलावा बच्चों को ऑनलाइन तौर पर प्रताड़ित करना, ट्रैप करना, किसी की आइडेंटिटी चुराना और एआई प्लेटफॉर्म्स से जुड़े नुकसानों पर ध्यान दिया जा सकता है। बता दें कि मोदी गवर्नमेंट की इस नोटिफिकेशन की काफी आलोचना हुई थी।
Fake news post: आलोचकों ने इसे लोगों और मीडिया की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया था। उसके बाद सरकारी फैक्ट चेक यूनिट से जुड़ा एक मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा था। फिर केंद्र सरकार ने न्यायालय में बताया था कि वो पांच जुलाई तक इस यूनिट को अधिसूचित नहीं करेगी।