बिलासपुर । पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने भाजयुमो एवं भारतीय जनता महिला मोर्चा पदाधिकारियों के साथ विकास भवन नगर निगम के सामने विकास को तरसता बिलासपुर अधूरे विकास की अधूरी कहानी अभियान के अंतर्गत स्मार्ट सिटी बिलासपुर के कार्यों में हो रही लापरवाही अनदेखी एवं बदहाली के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर मस्तूरी विधायक एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डा. कृष्णमूर्ति बांधी विशेष रूप से शामिल हुएl
सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा इस नगर की धरती को अनेक लोगों ने अपने पुरुषार्थ से ऐसा बढ़ाया कि राज्य निर्माण के समय प्रदेश की राजधानी के रूप में इस शहर का नाम सबसे आगे आया। बिलासपुर के विकास का जब कभी इतिहास में लिखा जाएगा तो इसमें सबसे ज्यादा योगदान केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल का मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप आने वाली पीढ़ी की पांच दशकों के आवश्यकता की अनुसार आधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से युक्त शहरी नियोजन अंर्तगत देश के स्मार्ट शहरों में नया रायपुर और बिलासपुर स्मार्ट सिटी की सौगात शहरवासियों को मिली। 2013 में केंद्र सरकार ने जीवनयापन और रहने के लिहाज से बिलासपुर को देश के चुनिंदा 111 शहरों में 13वां सबसे बढ़िया शहर घोषित किया था। स्मार्ट शहर के मानकों पर खरा पाए जाने के कारण ही बिलासपुर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया गया था। जून 2017 में ही स्मार्ट शहरों की घोषणा के एक सप्ताह के अंतर्गत की एसपीवी बनाकर बिलासपुर की स्मार्ट सिटी हेतु केंद्र सरकार ने 114 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए। स्मार्ट सिटी के सुचारू क्रियांवयन के लिए नगर निगम से अलग कंपनी बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड बना दिया गया। स्वीकृत योजना में पांच सालों तक केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा 100 -100 करोड़ रुपए सहित 1000 करोड़ रुपए का स्मार्ट शहर बनाने का प्रावधान किया गया। कालांतर में बिलासपुर के लिए 4000 करोड रुपए की योजना एरिया डेवलपमेंट के आधार पर शहर के केवल 20 वार्डो के लिए स्वीकृत हुई। तत्पश्चात अन्य इलाक़ों के लिए पी पी पी मॉडल आधारित विकास योजना लक्षित की गई।
श्री अग्रवाल ने कहा कि 2018 में जब कांग्रेस की सरकार आई तो तेजी से चल रहे स्मार्ट शहर के विकास कार्यों की गाड़ी बेपटरी हो गई। कांग्रेस सरकार आते ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बड़े काम दरकिनार कर दिए गए। नए काम जोड़कर खानापूर्ति की जा रही है। मल्टीप्लेक्स कमर्शियल काम्प्लेक्स, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना धरी की धरी रह गई है। जनता को ट्रैफिक के जंजाल से मुक्ति दिलाने वाली आईटीएमएस की योजना अब तक अटकी हुई है। बिना केंद्र सरकार की अनुमति के मद परिवर्तन करके नए जुड़े कार्यों में अरपा के किनारे 1800-1800 मीटर रोड और नाला निर्माण का काम लिया गया जो धीमी गति से चल रहा है। मार्च 2023 डेडलाइन थी, लेकिन परियोजना के तहत महज 25% काम हो पाए है। लागत विश्लेषण के आधार पर सतत विकास के लिए केंद्र सरकार ने भी अल्टीमेटम जारी कर जून 2023 तक समय अवधि दिए जाने के बावजूद कार्यो में प्रगति नहीं आ रही है। कंसल्टेंट की नियुक्ति कई टेंडर में अपेक्षित कंपनियों ने दिलचस्पी नहीं लेने से स्मार्ट सिटी की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं गायब हो गई है और कुछ फाइलों में चल रही। पद्मश्री में श्यामलाल चतुर्वेदी स्मार्ट रोड, सेंट्रल लाइब्रेरी में इन्क्यूबेशन सेंटर, डिजिटल लाइब्रेरी, कुछ जगहों पर शहर मुफ्त वाईफाई व्यापार बिहार स्मार्ट रोड, रिवर व्यू, प्यूप्लेनेटोरियम, नेहरू चौक से मुंगेली नाका चौक तक रोड के चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण का कार्य , अधिकांश भाजपा के शासनकाल में शुरू हुए,केवल यूटिलाइजेशन भेजकर राशि आहरण का खेल खेला जाता रहा। अमर अग्रवाल ने कहा कि 4000 करोड़ रुपए का इंतजाम हमने किया, उसके बावजूद 5 सालों में सरकार 100 करोड़ रुपए का काम नहीं कर पाई । नेहरू चौक के सौंदर्यीकरण कार्य को छेड़ा जा रहा है। हद तो तब हो गई जब कोनी के इलाके में एरिया बेस डेवलपमेंट के बफर जोन से परे जाकर विकास कार्य स्वीकृत करके स्मार्ट सिटी के फंड की राशि की बंदरबांट शुरू कर दी गई। उन्होंने कहा कि केवल दीवारों पर रंग लगाकर हर छमाही स्मार्ट सिटी के फंड में कमीशन बाजी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम सरकार के द्वारा किया जा रहा है। सेंट्रल लाइब्रेरी स्मार्ट सड़क, प्लेनेटोरियम रोहित सारे कार्यकाल मे शुरू हुए, जिसको फीता कांग्रेसी काट रहे हैं, लेकिन वे केंद्र की भागीदारी के बावजूद केंद्रीय मंत्रियों को कार्यक्रम में बुलाने का शिष्टाचार भी नहीं निभाते। केंद्र सरकार की राशि से हो रहे कार्यों में केंद्रीय मंत्री को नहीं बुलाया जाएगा तो उद्घाटन कार्यक्रम बेमानी होगा।
उन्होंने कहा कि इंदौर की तरह ही बिलासपुर का नाम भी अग्रणी स्मार्ट शहरों में होता लेकिन कांग्रेस की सरकार के निकम्मे पर और नकारा बाजी से स्मार्ट सिटी और विकास परियोजना रसातल में जा रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि हमने बिलासपुर के सर्वांगीण विकास की योजना बनाकर संपूर्णता से यथार्थ में उतारने का काम किया। कांग्रेस राज्य में जमीन लूटने, चाकूबाजी, माफियागिरी और बढ़ते अपराधों का शहर बन गया है। 5 वर्षों में जनता कांग्रेस सरकार से त्रस्त हो चुकी है।
स्मार्ट सिटी हेतु प्राथमिकता आधारित अधिकांश प्रोजेक्ट अनावश्यक लंबित किए गए। समय सीमा में काम पूरा ना होने पर प्रोजेक्ट के अटकने का खतरा मंडराने लगा है, जिसके लिए पूरी तरह से कांग्रेस की सरकार जिम्मेदार है।
धरना प्रदर्शन में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष जयश्री चौकसे, दीपक सिंह, निखिल केसरवानी, अजीत सिंह भोगल, प्रवीण दुबे विजय ताम्रकार मनीष अग्रवाल जुगल अग्रवाल बबलू कश्यप अमित चतुर्वेदी,अमित तिवारी, वैभव गुप्ता,रोहित मिश्रा,सत्येंद्र यादव,अखिलेश यादव, राज निषाद, गप्पू सोनकर,अमित सिंह,रोशन सलूजा,नितिन छाबड़ा, मनोज मिश्रा, प्रकाश यादव,प्रवीर सेन गुप्ता, विजय सिंह,कंचन दूसेजा,सुजाता मानिक, सोनिया साहु, गंगा साहु, नीता साहु, कविता वर्मा, मीना गोस्वामी, पुष्पा तिवारी, संजय गुप्ता, प्रभु नाथ विश्वकर्मा,साहिल भाभा ,साहिल कश्यप, मुश्ताक मेनन, आयुष मेहता, कमल कौशिक, पंकज तिवारी, शैलेन्द्र यादव, सुकांत वर्मा, श्रद्धा तिवारी, जितेन्द्र अंचल, मोहम्मद हाफिज खान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं आम नागरिक उपस्थित थे।

