रायपुर/अंबिकापुर। ग्राम पंचायत एवं जिला पंचायत के विरोध के बावजूद परसा ईस्ट केते बासन खदान के विस्तार के लिए हसदेव के 45 हेक्टेयर जंगल में कटाई शुरू हो गई। वन विभाग, प्रशासन और कंपनी ने मंगलवार सुबह 5-6 बजे पेड़ों की कटाई शुरू करा दिया है। विरोध कर रहे ग्रामीणों को जबरन पकड़कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।

बताया जा रहा है कि पेड़ों की यह कटाई पेण्ड्रामार जंगल के इलाके में हो रही है। यहां बासेन से बंबारू तक 45 हेक्टेयर के घने जंगल में पेड़ काटे जाने हैं। यह कटाई परसा ईस्ट केते बासन खदान के दूसरे फेज के लिए हो रही है। खदान के इस विस्तार से सरगुजा जिले का घाटबर्रा गांव उजड़ जाएगा। वहीं एक हजार 138 हेक्टेयर का जंगल भी उजाड़ा जाना है।

इस क्षेत्र में परसा खदान के बाद इस विस्तार का ही सबसे अधिक विरोध था। ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस ने मंगलवार को सुबह होने से पहले ही खदान के विरोध में आंदोलन कर रहे 20 से अधिक आदिवासी ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार करने की बात स्वीकारी है वह भी आधिकारिक तौर पर नहीं। पुलिस के मुताबिक इन लोगों को पुराने मामले में गिरफ्तार किए जाने की बात कही है। जिन लोगों को पुलिस ले गई है उनमें पतुरियाडांड के सरपंच उमेश्वर सिंह अर्मो, घाटबर्रा के सरपंच जयनंदन सिंह पोर्ते, बासेन के सरपंच श्रीपाल सिंह और उनकी पत्नी, पुटा के जगरनाथ बड़ा, राम सिंह मरकाम, साल्ही के ठाकुर राम कुसरो, आनंद कुमार कुसरो, बासेन के श्याम लाल और उनकी पत्नी और शिव प्रसाद की पत्नी शामिल हैं।

“कटाई वन विभाग करा रहा है। अभी फिलहाल 45 हेक्टेयर का जंगल काटा जा रहा है। सरकारी काम में कोई विघ्न न डाले इसके लिए वहां पुलिस फोर्स लगाई गई है। हम ग्रामीणों को भी सहयोग करने को कह रहे हैं”।

  • कुंदन कुमार, सरगुजा कलेक्टर
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