बिलासपुर। हसदेव के जंगलों को बचाने स्थानीय निवासियों की हसदेव से रायपुर तक निकली पदयात्रा की पहली वर्षगांठ पर आज 14 अक्तूबर को हसदेव क्षेत्र के गांव हरिहरपुर में रैली व सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता 11वर्षीय लिसिप्रिया कंजूगम शामिल हुई। उन्होंने कहा कि आज जंगलों का विनाश करके पूरी धरती को खत्म किया जा रहा है। हसदेव की लड़ाई सिर्फ आपकी नही बल्कि हम सबकी है और वो पूरी तरह से इसमें शामिल है। उन्होंने कहा कि वो हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हसदेव को बचाने की बात उठाएंगी।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने कहा कि हसदेव अरण्य के कोल ब्लॉक को निरस्त करने विधानसभा के सर्व सम्मति से हुए प्रस्ताव को छत्तीसगढ़ सरकार ने भेजा था लेकिन केंद्रीय कोयला मंत्री ने कोल ब्लॉक निरस्त करने से मना कर दिया।
दरअसल आदिवासियों के विस्थापन और जंगल के विनाश की कीमत पर अदानी के मुनाफे के लिए दोनो दल सहमत है। और यदि ऐसा नहीं है तो..
हसदेव में पेड़ कटाई का विरोध करने वाली छत्तीसगढ़ भाजपा दिल्ली जाकर कोल ब्लॉक निरस्त करने की मांग क्यों नही करती?? छत्तीसगढ़ सरकार भी अपने हिस्से की कार्यवाही करते हुए वन स्वीकृति और कंसेंट टू आपरेट की अनुमति निरस्त क्यों नही करती??
उन्होंने कहा कि हसदेव की लड़ाई अब सिर्फ धरना स्थल पर नही बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक विधानसभा के गांव और शहर तक लेकर जाएंगे।
हसदेव बचाओ आंदोलन बिलासपुर से आए चंद्रप्रदीप बाजपेयी ने कहा कि जब तक कोल ब्लॉक निरस्त नहीं हो जाते हम आंदोलन जारी रखेंगे। साकेत तिवारी ने कहा कि अब यह आंदोलन सिर्फ हसदेव के निवासियों का न होकर प्रदेश के हर नागरिक का हो गया है और सभी नागरिक हसदेव बचाने के मुद्दे पर एकमत हैं।
एक प्रतिनिधिमंडल भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर राहुल गांधी से मुलाकात कर उनका वादा याद दिलाएंगे। राहुल गांधी स्पष्ट करे कि वो छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के साथ हैं या अडानी के साथ स्पष्ट करें।
हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के उमेश्वर सिंह आर्मो ने कहा कि राज्यपाल ने पांचवी अनुसूचित क्षेत्र की प्रशासक होने के दायित्व को निभाते हुए कहा था कि हसदेव के आदिवासियों के साथ अन्याय होने नही दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने भी फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव की निष्पक्ष जांच का वादा किया था लेकिन दुखद रूप से कहना पढ़ रहा है कि दोनो ने हमारे साथ न्याय नहीं किया।
जयसिंह खुसरो ने कहा कि हमारे आंदोलन को कुचलने की लगातार कोशिश हो रही है। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले साथियों पर फर्जी मामले पंजीबद्ध किए जा रहे हैं लेकिन हम डरने वाले नही है। आंदोलन और तेज व व्यापक होगा।
घाटबर्रा सरपंच जयनंदन पोर्ते और पूर्व जनपद सदस्य बालसाय कोर्राम ने कहा कि 27 सितंबर को फोर्स लगाकर जबरन पेड़ काटे गए। सुबह लोगों को गांव के बाहर निस्तार, खेतों तक जाने नही दिया। ऐसी स्थिति बनाई गई जैसे हम आजाद नही गुलाम हैं। जयमंदन ने कहा कि घाटबर्रा गांव की ग्रामसभा ने कभी भी खनन की सहमति नही दी। तानाशाही तरीके से जबरन हमारे जंगल की कटाई की गई है। हम पूरे सरगुजा संभाग को एकजुट कर आंदोलन को व्यापक करेंगे सभा को बिलासपुर हसदेव बचाओ आंदोलन के चंद्रप्रदीप बाजपेयी, श्रेयांश बुधिया, साकेत तिवारी, रतीष श्रीवास्तव, अभिप्रीत बाजपेयी, अनीश गुप्ता, डॉक्टर रश्मि बुधिया, बी आर कौशिक, सतमीत सिंग, पवन पांडे, योगेश गुप्ता, असीम तिवारी, प्रथमेशसविता, सर्व आदिवासी समाज के चंद्रभान सिंह नेटी, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के सोनू राठौर सहित क्षेत्र के बड़ी संख्या में सरपंच शामिल हुए।