मेरठ । Hiding religious identity: उत्तर प्रदेश के मेरठ के गांव में एक युवक ने अपनी धार्मिक पहचान छुपाई खुद को ‘कृष्ण’ बताकर एक प्राचीन शिव मंदिर में पुजारी के रूप में 1 साल तक पूजा-पाठ कराता रहा, लेकिन जब उसकी असलियत सामने गई है। पुलिस जांच में युवक की पहचान बिहार निवासी मोहम्मद कासिम के रूप में हुई है। कासिम के पिता एक मौलवी बताए जा रहे हैं।

Hiding religious identity: घटना दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव की है। गांव के प्राचीन शिव मंदिर में पिछले 1 साल से पुजारी नहीं थे। इसी दौरान एक युवक गांव पहुंचा और खुद को ‘कृष्ण’ बताकर मंदिर में रहने की अनुमति मांगी। ग्रामीणों को कोई आपत्ति नहीं हुई और उन्होंने मंदिर की देखरेख के लिए उसे अनुमति दे दी। कासिम ने सुबह-शाम पूजा, हवन, प्रसाद वितरण और ज्योतिष जैसी गतिविधियों से गांववालों का विश्वास जीत लिया। वह धीरे-धीरे धर्मगुरु के रूप में प्रतिष्ठा भी पाने लगा था। समय बीतने के साथ कुछ ग्रामीणों को उसके व्यवहार, भाषा और गतिविधियों पर संदेह हुआ। जब उससे पहचान पत्र मांगा गया, तो वह टालमटोल करता रहा और आधार कार्ड लाने के बहाने करीब 15 दिन के लिए गांव से गायब हो गया। इसके बाद वह फिर मंदिर में लौट आया और सामान्य तरीके से पूजा-पाठ करने लगा।

Hiding religious identity: हाल ही में मंदिर में एक भंडारे के दौरान वह एक कमरे से कुछ सामान निकाल रहा था, तब कुछ ग्रामीणों ने उसे रोका और कड़ी पूछताछ की। शक बढ़ने पर पुलिस को बुलाया गया। SP सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, पुलिस मौके पर पहुंची और युवक से सख्ती से पूछताछ की। उसने खुद को मोहम्मद कासिम, मूल निवासी बिहार बताया और यह भी स्वीकार किया कि उसके पिता मौलवी अब्बास हैं। कासिम ने स्वीकार किया कि उसने धार्मिक पहचान छिपाई, मंदिर में रहकर दान-पुण्य की राशि एकत्र की और उसका व्यक्तिगत उपयोग करता रहा।

Hiding religious identity: पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धार्मिक पहचान छिपाकर विश्वास में लेने, धोखाधड़ी और आस्था से खिलवाड़ करने जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। मंदिर से मिली दान राशि के दुरुपयोग की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने कासिम के दावों की पुष्टि के लिए बिहार पुलिस से संपर्क कर लिया है। स्थानीय पते और पारिवारिक पृष्ठभूमि की जांच कराई जा रही है। मेरठ पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या यह मामला किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा है या फिर व्यक्तिगत लाभ के लिए की गई धोखाधड़ी। SP सिटी ने कहा कि यदि इस मामले में कोई और व्यक्ति या संगठन शामिल पाया गया, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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