अम्बिकापुर। Investigation also against former Surajpur collector Iffat Ara: बंगाली शरणार्थियों की पुर्नवास पट्टे की भूमि क्रय-विक्रय की अनुमति देने के मामले में सूरजपुर  की पूर्व कलेक्टर इफ्फत आरा के खिलाफ भी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने जांच के निर्देश दिए हैं। सरगुजा और सूरजपुर जिले में सैकड़ों बंगाली शरणार्थियों को पुनर्वास पट्टे पर भूमि देकर सरकार ने बसाया था। इस भूमि के क्रय-विक्रय के लिए कलेक्टर की अनुमति लेनी पड़ती है।

Investigation also against former Surajpur collector Iffat Ara:इससे पहले सरगुजा के पूर्व कलेक्टर संजीव झा के विरूद्ध इसी तरह के  मामले में पीएमओ ने जांच के निर्देश दिए  हैं।सूरजपुर जिले की पूर्व कलेक्टर ईफत आरा के विरूद्ध भी ऐसे ही मामले में गड़बड़ी की शिकायत के बाद जांच के लिए केन्द्र सरकार से पत्र जारी हुआ है। सूरजपुर की पूर्व कलेक्टर ईफ्त आरा के विरुद्ध 20 मार्च को पीएमओ में दस्तावेजों सहित शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें कई लोगों को बंगाली शरणार्थियों के पुर्नवास पट्टे की भूमि के क्रय-विक्रय विक्रय करने की अनुमति देने के मामले में लाखों रूपये अवैध तरीके से लेने का गंभीर आरोप लगाया गया था।

Investigation also against former Surajpur collector Iffat Ara: पूर्व कलेक्टर पर कुल 31 प्रकरणों में अनुमति देने के दौरान बिना किसी जांच पड़ताल के स्थानांतरण होने के बाद बैक डेट मे अनुमति देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में भूमि दलाल व कलेक्ट्रेट के क्लर्क की भूमिका के बारे में भी शिकायत की गई थी। शिकायत के आधार पर भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रुपेश कुमार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजते हुए जांच करने हेतु लिखा गया है। उक्त पत्र की प्रतिलिपि शिकायतकर्ता डी०के० सोनी को भी भेजी गई है। उपरोक्त मामलों की शिकायत पुलिस महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर को भी की गई है।

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