नदियों के साथ पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल भी गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला
पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री
पत्रकारों और साहित्यकारों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
प्रेस क्लब भवन के लोकार्पण के साथ ही पंडित माधवराव सप्रे, इंदिरा गांधी और पूर्व राजीव गांधी की प्रतिमा का किया अनावरण
■ अखिलेश नामदेव
गौरेला -पेण्ड्रा -मरवाही। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज महान साहित्यकार पंडित माधव राव सप्रे की 152वीं जयंती के अवसर पर जिला प्रशासन के सहयोग से श्रीकांत वर्मा पीठ बिलासपुर द्वारा आयोजित व्याख्यान और विचार संगोष्ठी में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल भी गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला है। यह भूमि साहित्यकारों के लिए सबसे पवित्र स्थल है। यहां से नर्मदा, सोन, अरपा आदि नदियों का उद्गम हुआ है। भारत की संस्कृति नदियों के किनारे विकसित हुई है। यह वही भूमि है जहां हिन्दी साहित्य की पहली कहानी का उद्गम हुआ है। मेरा भी सौभाग्य है कि मेरे कार्यकाल में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का गठन हुआ है। इस शहर का बहुत पुराना इतिहास रहा है। यहां से सन 1900 में छत्तीसगढ़ मित्र अखबार का प्रकाशन आरंभ हुआ। पहली कहानी यहीं लिखी गई। इससे स्पष्ट है कि इस मिट्टी में पत्रकारिता और साहित्य रचे बसे हैं। यह अरपा ही नहीं, पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल भी है। हमारी सरकार बनने से केवल इसी क्षेत्र के लोगों की ही मांग पूरी नहीं हुई, बल्कि राज्य में जीपीएम समेत 6 नये जिले बने। जिलों के साथ-साथ 19 नये अनुविभाग और 83 नई तहसीलें भी बनाई गईं। हमने जो नये जिले बनाए हैं, उनमें से लगभग सभी जिले ऐसे हैं जहां पर वंचित समुदाय के लोग बहुतायत में निवास करते हैं। ये वे लोग हैं जो वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित रहे, और जिन्हें वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा थी। नये जिलों के गठन का उद्देश्य इन्हीं समुदायों तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की आबोहवा इतनी अच्छी है कि गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर अपनी पत्नी के साथ यहां पर स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए आए थे। कितना सुंदर संयोग है कि यहां इस स्मृति महोत्सव में साहित्यकार और पत्रकार साथ हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला संभावनाओं से भरपूर जिला है। खासतौर पर यहां पर पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। झोझा वाटर फॉल, राजमेरगढ़, समुदलाई कुंड, शिव घाट, लखन घाट, गंगई नेचर कैंप, चुन्हादाई, परेवापथ, आदि-शक्ति मंदिर, तारा खार वाटर फॉल, जलेश्वर महादेव जैसे दर्जनों पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हम लोगों ने इन पर्यटन स्थलों की जानकारी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सावर्जनिक जगहों पर प्रदर्शित करते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार की शुरुआत की है।
पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में रांची (झारखंड) से आए साहित्यकार श्री रविभूषण, श्री दिवाकर मुक्तिबोध रायपुर, श्री सुदीप ठाकुर नई दिल्ली, श्री अच्युतानंद मिश्र कोच्ची (केरल) और विश्वेश ठाकरे रायपुर, श्री वेदचंद जैन, श्री अक्षय नामदेव, श्री अजित गहलोत आदि साहित्यकार शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश और देश से आए सभी साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जिले के प्रभारी मंत्री और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगातार जिले का विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नवनिर्मित पंडित माधव राव सप्रे प्रेस क्लब सह वाचनालय भवन का लोकार्पण के साथ ही प्रेस क्लब परिसर पेंड्रा में स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे, इंदिरा उद्यान पेंड्रा में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव चौक में पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिले को 44 करोड़ 61 लाख रुपए के 57 विकास कार्यों की सौगात दी। नये विकास कार्यों में 16 करोड़ 99 लाख रुपए के 35 विकास कार्यो का लोकार्पण और 27 करोड़ 62 लाख रूपए के 22 कार्यो का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रेस क्लब की मांग पर पेंड्रा नगर पंचायत में पंडित माधव राव सप्रे प्रवेश द्वार के निर्माण की घोषणा की ताकि उनकी स्मृतियां स्थाई रूप से बनी रहे। इसके साथ ही पत्रकारों के लिए पंडित माधव राव सप्रे पत्रकार कालोनी विकसित किये जाने हेतु भूमि चिन्हांकन और आवंटन के लिए कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया स्वागत उद्बोधन में ज़िले में विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। उन्होने सप्रे स्मृति महोत्सव में भारतीय नवजागरण और समकालीनता, आंचलिक पत्रकारिता और दायित्वबोध विषयों पर आयोजित व्याख्यान और विचार गोष्ठी पर प्रकाश डाला। कलेक्टर श्रीमती महोबिया ने आयोजन समिति की ओर से सप्रे स्मृति महोत्सव में शामिल अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, राज्य युवा आयोग के सदस्य श्री उत्तम वासुदेव, नगर पंचायत अध्यक्ष पेंड्रा श्री राकेश जालान, संभागायुक्त बिलासपुर श्री भीम सिंह, महानिरीक्षक श्री बीएनमीणा, जनपद अध्यक्ष गौरेला सुश्री ममता पैकरा, नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गंगोत्री राठौर, श्री पंकज तिवारी, श्री मनोज गुप्ता, श्री ओम प्रकाश बंका सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, साहित्यकार, पत्रकार और जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
हनुमानजी ने दी प्रेरणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पहले मैं हनुमान जी के दर्शन करने मंदिर जाने वाला था परंतु मुझे हनुमान ने प्रेरणा दी कि पहले पत्रकारों के कार्यक्रम में जाओ और मैं यहां कार्यक्रम में आया। बाद में मंदिर जाऊंगा। मुख्यमंत्री ने फिल्म आदि पुरुष का नाम लिए बगैर उसमें भगवान राम एवं हनुमान के संबंध में लिखे गए संवादों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह किस तरह की क्रोनोलॉजी चल रही है। हमें किस तरफ ले जाया जा रहा है। हमारे भारत के जन-जन में राम है।हमारे राम हमारे भांचा राम हैं। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। हमारे देवी-देवताओं के मान सम्मान, उनकी प्रतिष्ठा, मर्यादा को विकृत करने का प्रयास कतिपय तत्वों द्वारा किया जा रहा है। पत्रकारों को इस दिशा में भी अपनी लेखनी चलाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेंड्रा में माधव राव सप्रे की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए पेंड्रा नगर में पंडित माधव राव सप्रे प्रवेश द्वार के निर्माण की घोषणा की वही पत्रकारों की मांग पर पेंड्रा में
पत्रकारों के लिए पंडित माधव राव सप्रे पत्रकार कालोनी विकसित किये जाने भूमि चिन्हांकन और आवंटन के लिए कलेक्टर करें कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इन सबके अलावा मुख्यमंत्री ने गौरेला एवं पेंड्रा को नगर पालिका का दर्जा देने की बात कही तथा कहा कि यदि राजभवन को कोई आपत्ति नहीं होगी तो मरवाही भी नगर पंचायत बन जाएगा।
साहित्य-पत्रकारिता पर हुए व्याख्यान में देश-प्रदेश
के जाने-माने साहित्यकार हुए शामिल
जिला प्रशासन के सहयोग से श्रीकांत वर्मा पीठ बिलासपुर द्वारा मूर्धन्य साहित्यकार स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे की 152वीं जयंती पर व्याख्यान और विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में रांची (झारखंड) से आए साहित्यकार रविभूषण, दिवाकर मुक्तिबोध रायपुर, सुदीप ठाकुर नई दिल्ली, अच्युतानंद मिश्र कोच्ची (केरल) और विश्वेश ठाकरे रायपुर, वेदचंद जैन, अक्षय नामदेव, अजित गहलोत शामिल हुए। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया स्वागत उद्बोधन में ज़िले में विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। सप्रे स्मृति महोत्सव में भारतीय नवजागरण और समकालीनता, आंचलिक पत्रकारिता और दायित्वबोध विषयों पर व्याख्यान और विचार गोष्ठी हुई। द्वितीय सत्र में पत्रकारिता एवं दायित्व बोध पर वरिष्ठ पत्रकार अजीत गहलोत, साहित्यकार एवं अध्यापक अक्षय नामदेव एवं वरिष्ठ पत्रकार वेद चंद जैन ने अपने विचार रखें। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता साहित्यकार दिवाकर मुक्तिबोध ने की एवं संचालन वरिष्ठ पत्रकार विश्वेश ठाकरे ने किया।