• धनुहार समाज ने मनाया करम महोत्सव
नरेंद्र कुमार रात्रे, कोरबा। Karam mahotsav: आदिवासी शक्ति पीठ कोरबा में भव्य करम महोत्सव का आयोजन धनुहार समाज महासंघ जिला कोरबा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में आसपास के पांच जिलों के सामाजिक पदाधिकारी सदस्य गण तथा सर्व आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए।
Karam mahotsav: मुख्य अतिथि लखन लाल देवांगन केबिनेट मंत्री छग शासन, विशिष्ट अतिथि ज्योत्स्ना चरणदास महंत सांसद कोरबा,फूल सिंह राठिया, विधायक ,महापौर राजकिशोर प्रसाद, धनुहार आदिवासी समाज से डा पवन तेलासी,वीरसाय, शक्ति पीठ कोरबा के पदाधिकारी शिव नारायण सिंह कंवर, निर्मल सिंह राज, रमेश सिरका, रामप्यारी प्रभुवन धनुहार, चन्द्रभुवन, जयसिंह जनक सिंह कुमार सिंह घासी राम, दयाराम देवला बाई, युवा प्रभाग के पदाधिकारी सहित हजारों की संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता सपरिवार उपस्थित थे।
Karam mahotsav: अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि ने कहा कि करमा ददरिया गौरा, बार नृत्य, हरेली भोजली आदिवासी समाज ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत है, जिसे आज नयी पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित सांस्कृतिक धरोहर को नयी पहचान मिल सके।
Karam mahotsav: कार्यक्रम में महापौर राजकिशोर प्रसाद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति शक्ति के उपासक हैं,जल जंगल जमीन को संरक्षित करने में आदिवासी समाज ने विश्व समुदाय को बड़ा संदेश देने का काम किया है। इनके तीज़ त्योहारों में भी इस बात की पुष्टि होती है, जो मुख्यतः कृषि एवं प्रकृति पर आधारित होती है। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में महिला पुरुष एवं युवा मांदर झांझ के साथ करम महोत्सव में सम्मिलित हुए।
Karam mahotsav: करम महोत्सव कलम अथवा बडिंग सिस्टम से जुड़ी प्रकृति शक्ति की रहस्यमयी जीजिविषा को इंगित करती है। बिना बीज लगाये आसानी से फल प्राप्त किया जाता है। वनस्पतियों में कुछ ऐसे भी प्रजाति पायी जाती है, जिसकी टहनियों को जमीन में गाड़कर फल प्राप्त किया जा सकता है। इस अवधारणा को सर्व प्रथम आदिकाल से ही आदिवासी समाज ने विश्व समुदाय के समक्ष रखा। इस यादगार पल को करम सेवा पूजा के रूप में पूरी रात गीत नृत्य महोत्सव के द्वारा प्रकृति के इस अनुपम उपहार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए देश के कई राज्यों में आज भी धूमधाम से मनाया जाता है।