राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तृतीय
वर्षगांठ पर आयोजन

बिलासपुर । नोडल केंद्र केन्द्रीय विद्यालय बिलासपुर के प्राचार्य एवं नोडल अधिकारी धीरेन्द्र कुमार झा ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधारभूत उद्देश्यों को लागू करने केन्द्रीय विद्यालय संगठन प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में निर्देशित बिंदुओं के अनुपालन के क्रम में विगत तीन वर्षों से केन्द्रीय विद्यालय बिलासपुर में भी अनेक कार्यक्रम एवं गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तृतीय वर्षगांठ पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने संगठन द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। इस प्रेस वार्ता में जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार के प्राचार्य मनोज कुमार श्रीवास्तव, केन्द्रीय विद्यालय सीआरपीएफ बिलासपुर के प्राचार्य जे के खाखा, अन्य विद्यालयों के प्राचार्य एवं केन्द्रीय विद्यालय संगठन क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के सहायक आयुक्त रवींद्र कुमार भी मौजूद थे।

विदित हो कि इस अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। ंकेन्द्रीय विद्यालय संगठन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में सतत प्रयत्नशील है। एनसीईआरटी ने ग्रेड I के लिए 3 महीने का खेल आधारित ‘स्कूल तैयारी मॉड्यूल’ विकसित किया है, जिसे ‘विद्या प्रवेश’ नाम दिया गया है। यह मॉड्यूल अनिवार्य रूप से ग्रेड I में प्रवेश करने वाले बच्चों के लिए लगभग 12 सप्ताह का विकासात्मक रूप से उपयुक्त निर्देश है, ताकि बच्चे की पूर्व-साक्षरता, पूर्व-संख्यात्मकता, संज्ञानात्मक और सामाजिक कौशल को बढ़ाया जा सके। इसे शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से देशभर के सभी केवी में लागू कर दिया गया है
20 अक्टूबर, 2022 को लॉन्च किया गया फाउंडेशनल स्टेज (एनसीएफ एफएस) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा, भारत में 3-8 आयु वर्ग के बच्चों के लिए पहला एकीकृत पाठ्यचर्या ढांचा है। यह 5+3+3+4 ‘पाठ्यचर्या और शैक्षणिक’ संरचना का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसे एनईपी 2020 स्कूली शिक्षा के लिए लेकर आया है। एनसीएफ एफएस पर आधारित जादूई पिटारा लर्निंग टीचिंग मटेरियल (जादुई पिटारा) 20 फरवरी 2023 को लॉन्च किया गया था। यह 3 से 8 साल की उम्र के बच्चों के लिए तैयार की गई एक खेल-आधारित शिक्षण सामग्री है। केवीएस एनसीईआरटी द्वारा तैयार एनसीएफ (एफएस) आधारित शिक्षाशास्त्र का पालन कर रहा है।

व्यावसायिक शिक्षा के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और बच्चों की स्कूल अवधि के दौरान कौशल विकसित करने के लिए, कक्षा आठवीं से सभी केवी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक व्यावसायिक विषय के रूप में पेश किया गया है।
बढ़ईगिरी, इलेक्ट्रिशियन, मिट्टी के बर्तन आदि जैसे पूर्व-व्यावसायिक कौशल को 2022-23 में छठी से आठवीं कक्षा के लिए मनोरंजक पाठ्यक्रम के रूप में लिया गया है।
पीएम केवीवाई 3.0 के तहत शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में देश भर में 228 केंद्रीय विद्यालयों में स्कूली शिक्षा के अतिरिक्त युवाओं को स्कूल के घंटों के बाद कौशल प्रदान करने के लिए कौशल केंद्र शुरू किए गए थे।
अभिभावक-शिक्षक संघ (हितधारक के रूप में माता-पिता) :- केवीएस विद्यालय में बच्चों के विकास में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में माता-पिता की भूमिका को महत्व देता है। सभी केवी में विद्यालय में अभिभावक-शिक्षक संघ होते हैं और छात्रों के समग्र विकास और विद्यालय के समग्र विकास से संबंधित विभिन्न मामलों पर चर्चा करने के लिए हर महीने बैठक (पीटीएम) आयोजित करते हैं।
शिक्षकों के लिए शैक्षणिक बदलाव और प्रशिक्षण :-एनईपी 2020 के अनुसार शैक्षणिक बदलाव, शिक्षा प्रदान करने और संपर्क करने के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव को संदर्भित करता है। एनईपी 2020 वैचारिक समझ, बहु-विषयक दृष्टिकोण, प्रौद्योगिकी एकीकरण और शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर देने के साथ अधिक शिक्षार्थी-केंद्रित और अनुभवात्मक शिक्षण-आधारित दृष्टिकोण की ओर शिक्षा के लिए पारंपरिक रटकर सीखने और याद रखने-आधारित दृष्टिकोण से दूर जाने की आवश्यकता पर जोर देती है।
केवीएस अपने शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। शिक्षकों को अल्पकालिक कार्यशालाओं और सेवाकालीन प्रशिक्षण के अलावा निष्ठा-I, II और III (स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) शिक्षाशास्त्र, मूल्यांकन और शिक्षण में प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्राथमिक कक्षाओं में आनंदपूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से प्राथमिक शिक्षकों के लिए खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया है।
विद्यांजलि पोर्टल: एक समुदाय/स्वयंसेवक प्रबंधन कार्यक्रम का समर्थन करता है, जिसके माध्यम से समुदाय/स्वयंसेवक अपने ज्ञान और कौशल को साझा करने के साथ-साथ संपत्ति/सामग्री/उपकरण के रूप में योगदान करने के लिए अपनी पसंद के स्कूलों से सीधे जुड़ते हैं। सभी 1250 केवी विद्यांजलि पोर्टल पर हैं।
पीएम श्री योजना के लिए केन्द्रीय विद्यालय संगठन, रायपुर संभाग में 17 केन्द्रीय विद्यालयों का चयन किया गया है।
केन्द्रीय विद्यालय बिलासपुर में निपुण भारत के तहत अनेक गतिविधियाँ संचालित की गई हैं। खिलौना आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने कार्यशाला का आयोजन किया गया एवं सुरुचिपूर्ण शिक्षण हेतु अनेक गतिविधियां आयोजित की गईं जैसे क्ले आर्ट, चित्रकला, पोस्टर, कहानी आधारित शिक्षण आदि।
केन्द्रीय विद्यालय सीआरपीएफ बिलासपुर में बालवाटिका आरंभ किया गया है। सभी विद्यालयों में विद्या प्रवेश का आयोजन हुआ है एवं सभी केन्द्रीय विद्यालय विद्यांजलि पोर्टल पर शामिल हैं। विद्यालयों में स्किल हब पहल की गई है। वर्तमान में कक्षा 6 से 8 तक कुछ कौशल पाठ्यक्रम और माध्यमिक कक्षाओं में आईटी, एआई और अन्य कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। अनेक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास हैं एवं अटल टिंकरिंग लैब है।
1 से 15 जून 2023 तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता सुनिश्चित करने जनभागीदारी गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें केन्द्रीय विद्यालय के साथ साथ बिलासपुर जिले के अन्य विद्यालयों के शिक्षक, अभिभावक एवं जन सामान्य ने सक्रिय सहभागिता दी।इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूलभूत उद्देश्यों को क्रियान्वित करने हेतु सार्थक पहल की गई।

Previous articleराशन कार्ड सत्यापन की अवधि बढ़ी, अब 31 अगस्त तक करा सकेंगे सत्यापन
Next articleकचरा बीनने वाली महिलाओं ने चंदा करके खरीदी लॉटरी, जीते 10 करोड़

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here