• 50 हजार श्रद्धालुओं ने टेका मत्था,2 से सांस्कृतिक महोत्सव
सूरजपुर। Kudargarh Mahotsav: चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ बागेश्वरी के दर्शन के लिए कुदरगढ़ में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। हर वर्ष की भांति इस बार भी छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु माँ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। नवरात्रि के प्रारंभ से अब तक मात्र तीन दिनों में लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन करने का अनुमान है। सर्वाधिक भीड़ सप्तमी, अष्टमी और नवमी को होती है, जब लाखों श्रद्धालु माँ के दरबार में हाजिरी लगाते हैं और मत्था टेककर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Kudargarh Mahotsav: माँ बागेश्वरी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को करीब नौ सौ सीढ़ियाँ चढ़कर पहाड़ी पर पहुँचना होता है। चढ़ने और उतरने के मार्ग को अलग-अलग किया गया है, जिससे दर्शन के दौरान भीड़ नियंत्रण बेहतर तरीके से हो सके,जो श्रद्धालु सीढ़ियाँ नहीं चढ़ सकते, उनके लिए मंदिर के नीचे लाइव दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है, जहाँ बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई गई हैं, ताकि वे भी माँ बागेश्वरी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकें।
Kudargarh Mahotsav: इस अवसर पर 2 अप्रैल से तीन दिवसीय कुदरगढ़ महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू के मार्गदर्शन में यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। माँ बागेश्वरी धाम में कुदरगढ़ ट्रस्ट के सहयोग से स्वच्छता, पेयजल, स्वास्थ्य सेवा, सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं।
महोत्सव के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। धार्मिक भजन संध्या, लोक नृत्य और पारंपरिक प्रस्तुतियाँ इस आयोजन को और अधिक भव्य बनाएंगी। इस दौरान ख्याति प्राप्त कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय एवं सांस्कृतिक दल भी अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय और संगीतमय हो जाएगा।
Kudargarh Mahotsav: चैत्र नवरात्रि के दौरान कुदरगढ़ धाम में आस्था और भक्ति दर्शनीय होती है। वर्षभर भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान यह स्थान भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो जाता है। लाखों श्रद्धालु माँ बागेश्वरी का आशीर्वाद प्राप्त करने और अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण करने के लिए यहाँ पहुँचते हैं, जिससे यह धाम शक्ति उपासना का एक प्रमुख केंद्र बन जाता है।

