उज्जैन। Mahashivratri 2024: हिंदू धर्म में हर साल फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल 8 मार्च को शिवरात्रि है। महाकाल के नगरी उज्जैन में शिवरात्रि के दौरान शिव नवरात्रि मनाई जाती है। महाकाल मंदिर में आज 29 फरवरी से शिव नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। इस दौरान शिव भक्त 9 अलग-अलग रूपों में महादेव के दर्शन कर पाएंगे।
Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि पर्व उज्जैन में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। उज्जैन में महाशिवरात्रि का समय बेहद खास होता है। इन दिनों में बाबा भोलेनाथ के भक्त दूर-दूर से उनके दर्शन करने आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिव-गौरी का विवाह हुआ था। शिव नवरात्रि के पहले दिन महाकाल को हल्दी-चंदन का लेप लगाया जाएगा। इस दिन शिवजी का हल्दी से श्रृंगार किया जाता है।
Mahashivratri 2024 : महादेव की पूजा-आराधना में हल्दी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मान्यता है कि शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी स्त्रियोचित वस्तु है। इसलिए शिव पूजा में हल्दी का इस्तेमाल नहीं होता है। हालांकि शिवरात्रि से पहले आज के दिन कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित भगवान कोटेश्वर महादेव का अभिषेक पूजन किया जाता है और भगवान शिव और माता पार्वती को हल्दी लगाई जाती है।
9 दिनों तक नौ रूपों में भोलेनाथ की होती है पूजा
1. महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि के पहले दिन उनका हल्दी-चंदन से श्रृंगार किया जाएगा।
2. दूसरे दिन शिवजी का शेषनाग रूप में श्रृंगार किया जाएगा।
3. तीसरे दिन बाबा घटाटोप रूप में दर्शन कर सकेंगे।
4. चौथे दिन दिन महादेव का छबीना श्रृंगार किया जाता है।
5. पांचवे दिन बाबा महाकाल को होलकर परंपराओं के अनुसार सजाया जाएगा।
6. छठे दिन उन्हें मनमहेश के रूप में उनका श्रृंगार किया जाएगा।
7. सातवें दिन भक्त उमा-महेश के रूप में शिव-गौरी के दर्शन कर सकेंगे।
8. आठवें दिन शिवजी का रौद्र रूप भक्तों को देखने को मिलता है।
9. नौवें दिन महादेव का दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया जाता है।

