रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को नगर विधायक शैलेष पांडेय ने बिलासपुर स्थित जेपी वर्मा महाविद्यालय खेल मैदान के विवादित प्रकरण के निराकरण का मुद्दा उठाया। विधायक शैलेष पांडेय ने सदन में कहा कि वर्ष 1944 का ऐतिहासिक कॉलेज, पहले एसबीआर कॉलेज के नाम से जाना जाता था और वर्तमान में जेपी वर्मा के नाम से संचालित है। उस कॉलेज का खेल मैदान अचानक गायब हो गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1944 में ट्रस्टियों ने 2.3 एकड़ भूमि दान कर 1 लाख रुपए में महाविद्यालय का निर्माण कराया था। उसके बाद यहां से हजारों/लाखों बच्चे शिक्षा लेकर आगे बढ़ गए। अब ट्रस्टी उस खेल मैदान को बेचने का निर्णय कैसे कर सकते हैं जबकि राज्य शासन ने महाविद्यालय की भूमि का वर्ष 1972 में अधिग्रहण किया था।
शैलेष पांडेय ने आगे कहा कि यदि ट्रस्टी लालच में जमीन को बेचना चाह रहे हैं तो इसकी जांच शासन को करनी चाहिए और हस्तक्षेप करना चाहिए। यह महाविद्यालय की जमीन है, छात्रों के हित के लिए है, उस भूमि को बेचने कैसे दे सकते हैं। जिस ट्रस्टी का बेटा ट्रस्टी ही नहीं है वह जमीन को बेचने का आवेदन कैसे कर सकता हैं।
विधानसभा में चरणदास महंत ने अध्यक्ष की आसंदी से कहा कि शासन को हस्तक्षेप करना चाहिए और जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मामला उलझा हुआ है, विधायक शैलेष पांडेय और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल बैठकर इस मामले को सुलझाने के लिए कार्य करें और मुझे जानकारी भेजें।
विधानसभा में नगर विधायक शैलेष पांडेय ने बिलासपुर स्थित जेपी वर्मा महाविद्यालय खेल मैदान के विवादित प्रकरण के संदर्भ में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से पूछा था कि राजस्व विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में क्या-क्या फैसले लिए गए। महाविद्यालय को किस ट्रस्ट ने कब और कितनी जमीन दान की थी।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने जवाब में कहा कि शिव भगवान रामेश्वर लाल चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी कमल बजाज के द्वारा मौजा जरहाभाठा स्थित भूमि खसरा नंबर 107/3, 108/3 शामिल 109 कुल रकबा 0.962 हेक्टेयर भूमि को विक्रय की अनुमति बाबत प्रस्तुत आवेदन को पंजीयक एवं लोक न्याय तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिलासपुर में दिनांक 5 अगस्त 2021 को निरस्त किया है। पंजीयक न्यास एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिलासपुर के अभिलेख में भूमि ट्रस्ट के द्वारा दान किए जाने के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं है। शिव भगवान रामेश्वर लाल चैरिटेबल ट्रस्ट पंजीयन क्रमांक-13, वर्ष 1944 के ट्रस्टी के रूप में वर्तमान पंजी में कमल बजाज पिता आर एन बजाज का नाम दर्ज है।

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