सूरजपुर। Municipal elections: नगरीय निकाय चुनाव का माहौल हर दिन रोचक होता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने देवंती साहू को अपना अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने कुसुमलता राजवाड़े पर भरोसा जताया है।
Municipal elections: आज भाजपा प्रत्याशी ने औपचारिक रूप से नामांकन फॉर्म जमा कर दिया है जबकि 28 जनवरी को नामांकन की अंतिम तिथि पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दल शक्ति प्रदर्शन के साथ अध्यक्ष सहित वार्ड प्रत्याशियों का नामांकन दाखिल करेंगे।नामांकन प्रक्रिया के पूरा होते ही चुनावी माहौल और गर्म हो जाएगा, जब प्रत्याशियों के साथ-साथ दोनों दलों के नेता पूरी ताकत झोंकेंगे।
Municipal elections: देवंती साहू राजनीतिक परिवार से हैं। उनके पति थलेश्वर साहू, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रह चुके है। देवंती साहू स्नातक तक की पढ़ाई की हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा ने नगर विकास को प्राथमिकता देने और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की बात कही है। कुसुमलता राजवाड़े कांग्रेस की सक्रिय महिला नेत्री हैं, जिन्होंने विभिन्न राजनीतिक पदों पर रहते हुए जनता के बीच अपनी पहचान बनाई है। कुसुमलता राजवाड़े शिक्षा से जुड़े परिवार से हैं और उन्होंने भी स्नातक तक की पढ़ाई की है। कांग्रेस का दावा है कि कुसुमलता राजवाड़े का अनुभव और समर्पण नगर विकास को नई दिशा देगा।
Municipal elections: दोनों प्रत्याशियों के बीच चुनावी मुकाबला नामांकन के बाद तेज होगा। इसके बाद दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकेंगे। जनसभाएं, रैलियां और डोर-टू-डोर जनसंपर्क के जरिए दोनों प्रत्याशी जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेता भी इस चुनाव को गंभीरता से ले रहे हैं और प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष पद इस बार ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, जिससे यह चुनाव और भी खास हो गया है। महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण के इस अवसर ने जनता में भी खासा उत्साह पैदा किया है।मतदाता इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि नगर विकास की जिम्मेदारी संभालने को तैयार इन महिलाओं के पास क्या योजनाएं हैं और वे किस तरह से सूरजपुर के विकास को नई दिशा देंगी। अब सबकी नजरें नामांकन के दौरान होने वाले शक्ति प्रदर्शन और उसके बाद शुरू होने वाले जोरदार चुनाव प्रचार पर टिकी हैं।

