• आज शाम थम जाएगा चुनावी शोर, 11 फरवरी को मतदान
अजय गुप्ता, सूरजपुरMunicipal elections नगर पालिका चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार आज शाम थम जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी सीधे मतदाताओं से संवाद कर अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे। इस बार चुनाव का माहौल पूरी तरह से महिलाओं के संघर्ष और जोश से रंगा हुआ है। गली-गली, नुक्कड़ों और जनसंपर्क अभियानों में महिला प्रत्याशियों का आत्मविश्वास साफ झलक रहा है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने चुनावी तस्वीर को नए रंग में रंग दिया है।


Municipal elections:  नगर पालिका अध्यक्ष पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने के कारण महिला प्रत्याशियों की दावेदारी पूरी मजबूती से सामने आई है। नगर पालिका के 18 वार्डों में से 7 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही अध्यक्ष पद सहित 11 वार्डों में 27 महिला प्रत्याश किस्मत आजमा रही हैं  जो महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की देवंती साहू और कांग्रेस की कुसुमलता ,रजवाड़े के बीच कांटे का मुकाबला है। दोनों दलों ने अपनी प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है जबकि पार्षद पद के लिए वार्ड क्रमांक 10, 11 और 12 में भाजपा और कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है।


Municipal elections:  वार्ड क्रमांक 15 में सबसे अधिक छह महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। कुछ वार्डों में निर्दलीय महिला प्रत्याशी भी पार्टी प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती दे रही हैं । चुनाव मैदान में उतरीं नेत्रियों से मतदाताओं की उम्मीदें भी काफी  हैं। मतदाता चाहते है कि ये महिलाएं केवल नाममात्र की उम्मीदवार बनकर न रहें, बल्कि आत्मविश्वास के साथ  नेतृत्व करें और विकास के लिए कदम उठाएं। चुनाव पश्चात उनके नेतृत्व में शहर को स्वच्छता, बेहतर सड़कें, शुद्ध पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाएं जुटाने का प्रयास करें। महिला प्रत्याशियों की दावेदारी महिला सशक्तिकरण के साथ ही सामाजिक- राजनीतिक बदलाव की भी नई मिसाल है। वे अब केवल घर और परिवार की जिम्मेदारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सक्रिय राजनीतिक भागीदारी के जरिये क्षेत्र के विकास में  भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। नागरिकों के लिए उम्मीद की नई किरण भी  हैं।


आज शाम थम जाएगा चुनाव प्रचार


Municipal elections:  प्रत्याशियों के लिए एक वोट भी निर्णायक होगा। 11 फरवरी को मतदान होना है। इधर महिला प्रत्याशियों का आत्मविश्वास चुनावी माहौल को रोमांचक बना रहा है। ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि किस प्रत्याशी के सिर जीत का ताज सजेगा और कौन अपनी नेतृत्व क्षमता से नई राजनीतिक आधार बनाएगी।

परिवारों की प्रतिष्ठा भी दांव पर, रिश्तेदारों ने भी झोंकी ताकत


Municipal elections:  महिला प्रत्याशियों का यह चुनावी संघर्ष केवल व्यक्तिगत जीत का नहीं, बल्कि उनके परिवार की प्रतिष्ठा का भी प्रश्न बन चुका है। उनके पति, बेटे और करीबी रिश्तेदार ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के रिश्तेदार भी चुनावी मैदान में पूरी सक्रियता के साथ प्रचार कर रहे हैं। कई जगहों पर महिलाएं खुद घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं, वहीं उनके पारिवारिक सदस्य अपने प्रभाव का उपयोग कर समर्थन जुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

पार्षद पद के लिए 25 महिला प्रत्याशी


Municipal elections:  नगर पालिका परिषद चुनाव के 18 वार्डों में से 11 वार्डों में 25 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में पूरी ताकत के साथ मैदान में डटी हुई हैं। इनमें ललिता अजय सिंह, सीमा बालेंद्र सिंह, राजमती सिंह, सरोज राकेश साहू, पल्लवी गुड़िया, कौशल्या सिंह, किरण खेस, राधा मुनि सिंह, कंचन संजू सोनी, शशी शंकर अग्रवाल, ललिता तिवारी, मंजू लता गोयल, अंजलि किशन देवांगन, क्रांति, पुष्पलता साहू, सुशीला सिंह,कामिनी साहू, सुनीता सुरेंद्र देवांगन, अनीता सिंह, ज्योति देवांगन, लाजवंती भोला साहू, पिंकी साहू, बेला कली साहू, मेनका शिव शंकर साहू और करमातो राजवाड़े शामिल हैं।चुनाव के अंतिम समय में सभी प्रत्याशी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इन प्रत्याशियों के प्रचार ने चुनावी फिजा को गरमा दिया है।

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