1 से 3 जून तक होगा रामायण महोत्सव का आयोजन रायगढ़ । रामकथा के कई प्रसंगों में श्रीराम के वन गमन व सीता माता की खोज के दौरान विभिन्न समुदायों के लोगों का जिक्र है, जो उनके उद्देश्य पूर्ति में साथ जुड़ते चले जाते हैं। चाहे वह निषादराज हों जो वनवास में जा रहे श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण को गंगा जी पार करवाते हैं या शबरी जिन्होंने सीता की खोज में निकले श्रीराम को प्रेम से बेर खिलाए और आगे की राह बताई।
इसी में एक प्रसंग आता है। श्री राम लंका के लिए सेतु निर्माण के लिए अपनी वानर सेना को निर्देशित करते हैं। सब जुट जाते हैं। एक गिलहरी भी इसमें सहयोग करने आगे बढ़ती है।
रायगढ़ में हो रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में भी हर वर्ग इसी तरह से आयोजन को सफल बनाने अपनी भागीदारी के लिए पहल कर रहा है। सफल आयोजन के लिए विभिन्न समुदाय जुटे हुए हैं। मुस्लिम समुदाय यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शर्बत ए मोहब्बत रखेगा। भीषण गर्मी में लोगों को गला तर करने यह पेशकश होगी।
रायगढ़ के शेख सलीम नियारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से रायगढ़ के रामलीला मैदान में 1 से 3 जून तक भव्य रामायण महोत्सव के आयोजन में मुस्लिम समाज प्रदेश और जिले से आने वाले आगंतुकों का स्वागत शर्बत-ए-मोहब्बत से करेगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए फक्र की बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के लिए कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ को चुना है।
यह रायगढ़ की तहजीब है, जहां सब मिलकर रहते हैं। सुख – दुख में साझीदारी करते हैं। इन सुंदर सरोकारों ने ही रायगढ़ को संस्कारधानी बनाया है। 3 दिनों तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में श्रीराम के चरित स्मरण से संस्कारधानी की यह परंपरा और मजबूत होकर उभरने वाली है।
राम कथा की यह विशेषता है कि इस कथा के श्रवण से श्रीराम के आदर्श हमारे मन के भीतर घुलने लगते हैं। उनके सामूहिक नेतृत्व का चरित्र और सबको साथ में लेकर सबकी प्रतिभा को निखारकर मानव जाति में सत्य के मूल्यों की स्थापना का उनका संकल्प जब विजयी होता है तब आम आदमी भी स्वयं की सात्विक शक्ति को महसूस करता है।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा यही है। हम अपनी श्रेष्ठ परंपराओं को गहराई से जाने। श्रीराम के उदार, उदात्त चरित्र को बारीकी से समझें। जब राम को गहराई से जानेंगे तभी तो हम सुराज के सपनों को साकार करने बढ़ सकेंगे। यह ऊर्जा संचार का महोत्सव है। श्रीराम के उत्तम जीवन चरित को अपने जीवन में उतारें और शुभ संकल्पों से राष्ट्र को मजबूत बनाएं।

