प्रेमनगर विधानसभा सीट पर है इनकी नजर
अजय गुप्ता
सूरजपुर । जिले का राजनैतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। कुछ युवा व नए चेहरों ने अपनी-अपनी पार्टियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ये आने वाले चुनावों में पार्टी का चेहरा भी बन सकते हैं। राजनीति को सेवा का माध्यम मानने वाले ये युवा काफी सक्रिय हैं और चुनावों में इनकी टिकट की दावेदारी मजबूत भी मानी जा रही है। इसमें कांग्रेस से राहुल अग्रवाल, शशि सिंह और भाजपा से रितेश गुप्ता के नाम शामिल है, जिन्होंने अपने राजनैतिक कौशल से एक मुकाम भी हासिल कर लिया है।
जिले की सबसे ज्यादा राजनीतिक उठापटक वाले प्रेमनगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टी में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है।इस विधानसभा क्षेत्र में नई पीढ़ी के तीन नए चेहरे तेजी से उभरे हैं। इनकी कार्यशैली से लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ रही है। सामाजिक कार्यों से ये चेहरे अपनी सियासत की शुरुआत की है और इनकी दमदार उपस्थिति से यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आने वाले समय में राजनीतिक मेें सितारे अपनी चमक बिखेर सकते हैं। इसमें कांग्रेस के राहुल अग्रवाल टिंकू जो समाज सेवा के कार्यो से लोगों के दिलों में जगह बना चुके हैं । इनका सामाजिक सरोकार सबको प्रभावित कर रहा है। इनका पूरा कुनबा कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। सामाजिक कार्यों के साथ-साथ राजनीति में इनकी सक्रियता बनी हुई है। राहुल जिला कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष हैं। वे राजनीति को सेवा का ही माध्यम मानते हैं।
शशि सिंह जिला पंचायत सदस्य के साथ-साथ युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं। वह लोगों के काम को बड़ी तन्मयता के साथ कराती हैं। लोगों को न्याय दिलाने शासन-प्रशासन के समक्ष अपनी बात को पूरी दमदारी से रखती है। एक राइस मिलर के प्रदूषण से परेशान ग्रामीणों को राहत दिलाने चलाए गए आंदोलन व गरीबों के मकानों को तोडऩे से बचाने के उनके प्रयास की हर किसी ने तारीफ की थी। इसी से महिला नेत्री शशि सिंह सुर्खियों में आई। ये पूर्व मंत्री स्वर्गीय तुलेश्वर सिंह की पुत्री हंै वह भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ डेढ़ सौ दिनों तक रहीं। माना जा रहा है इनकी राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक राजनीति पकड़ मजबूत है।
इसी तरह भाजपा के रितेश गुप्ता जो सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि के लिए काफी लोकप्रिय हैं। युवाओं में नशा की लत को छुड़ाने का मुहिम चला चुके हैं। इनकी मुहिम से कई लोगों ने नशा छोड़ दिया और कई घर बर्बाद होने से बच गए। उनके इस अभियान की खूब सराहना भी हुई थी। लोगों के दुख सुख में शामिल होने के साथ ही ये राजनीति में सक्रिय रहे हैं। भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री रहते हुए जिले से लेकर प्रदेश तक की राजनीति में सक्रियता दिखा चुके हैं। वर्तमान में नगरपालिका सूरजपुर के उपाध्यक्ष हैं। उपाध्यक्ष की कुर्सी भी इन्हें इनकी राजनीतिक कुशलता से मिली थी। यहां कांग्रेस के पार्षदों का बहुमत है उस समय राजनीतिक गलियारों में रितेश सर्वाधिक चर्चाओं में बने रहे। राजनीतिक रूप से भाजपा के युवा नेताओं में सबसे अधिक इनकी सक्रियता बनी हुई है।
चुनावों के सिलसिले में दोनों ही पार्टी के नेताओं की सक्रियता दिख रही है।पार्टी की अन्य गतिविधियों में भी लोग पूरे दमखम से लगे हुए हैं । कांग्रेस का भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाथ जोड़ो यात्रा की शुरुआत हुई और वे इसी बहाने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को आमजनों को बताने की कोशिश में लगे रहे। बैठकों के साथ जिला सम्मेलन के बहाने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने की कोशिश हो रही है जिसमें बड़े नेता भी पहुंच रहे हैं। भूमि पूजन शिलान्यास, सहित विभिन्न मोर्चा प्रकोष्ठो के सम्मेलनों में लोगों को जोडऩे की कोशिश हो रही है।
यूथ जोड़ो,बूथ जोड़ो अभियान से युवाओं को ऊर्जावान बनाया जा रहा है। इधर भाजपा भी सत्ता में लौटने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है जिला स्तर और फिर विधानसभा स्तर पर सम्मेलन हो रहे हैं भाजपा का यह सम्मेलन ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर हो रहा है। प्रदेश स्तर के नेता भी इसमें शिरकत कर रहे हैं पोलिंग बूथ से लेकर जिला स्तर पर कार्यक्रम तय हो रहे हैं। भाजपा कांग्रेस सरकार की विफलताओं को बताने आम जनों तक पहुंच रही है।मोर आवास मोर अधिकार कार्यक्रम भाजपा का चल रहा है।पार्टी के नेताओं की गतिविधियों को देखकर आमजन समझ रहे है कि अब चुनाव आ रहा है।इस बार पार्टियां भी नए चेहरों को आगे लाने की रणनीति बना रहीे हैं इससे लगता है कि नए चेहरों की दावेदारी में दमदारी होगी। बहरहाल आगे देखने की बात होगी की इन उभरते चेहरों को मौका मिलेगा की नहीं.. क्योंकि पुराने बड़े सूरमा भी आस लगाए बैठे हैं। फिलहाल पार्टियां नई रणनीति पर तेजी से काम कर रही हैं। चुनावी बिसात बिछने लगी है और लोगों को समझ में आ रहा है की यह चुनावी शोरगुल की शुरूआत है। प्रेमनगर विधानसभा क्षेत्र में आप पार्टी व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी सक्रियता दिखा रही है।
सक्रियता ने नेताओं का ध्यान खींचा
जिले के लिए इस बार प्रमुख पार्टियों का फोकस युवा चेहरों पर नजर आ रहा है। भाजपा और कांग्रेस नए चेहरों को प्रोत्साहित कर रही हैं। कांग्रेस की नीति युवा चेहरों पर दांव लगाने की है। भाजपा भी इसी राह पर है चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने बूथ लेवल पर संपर्क के साथ युवाओं को ज्यादा से ज्यादा जिम्मेवारी देने का फैसला किया है इधर आम आदमी पार्टी भी युवा चेहरों को मौका देने की ओर है बहरहाल इस बार युवा चेहरे की चमक बढ़ सकती ऐसा प्रतीत हो रहा है।