रायपुर।Paddy Purchase: छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी कल 14 नवम्बर से शुरू होने वाली है। सरकार के लिए धान की खरीदी कभी आसान नहीं रही , लेकिन किसानों को अधिकतम मूल्य देने का वादा उसे पूरा करना है। खरीदी से पहले सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने सरकार पर वेतन बढ़ाने के लिए हड़ताल करके दबाव बनाया। कल ही सरकार ने इनका वेतन 25 फीसदी बढ़ाया है और इधर राइस मिलरों ने अपने बकाया भुगतान के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि भुगतान नहीं किया गया तो वे धान की मिलिंग नहीं कर पाएंगे।
Paddy Purchase: इस सिलसिले में प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन की बैठक राजधानी में हुई। इसमें प्रदेश कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी के साथ 33 जिलों के अध्यक्ष, महामंत्री भी शामिल हुए। बैठक में मिलर्स के पुराने भुगतान के साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 24- 25 की पॉलिसी पर भी विस्तार से चर्चा हुई। प्रदेश के मिलर्स का कहना कि हमारे पास बैंक गारंटी देने के लिए पैसे नहीं हैं। भाड़ा बिजली बिल हमाली अन्य खर्च के लिए भी अब तकलीफ़ हो रही है। प्रदेश में लगभग 60% मिलर छोटे हैं , जिनके पास ज़्यादा लागत नहीं है। सरकार ने बकाया का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते यह समस्या आ रही है।
Paddy Purchase: इस बैठक में समस्त जिले से आए हुए 200 से अधिक पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी। यह कहा गया कि अब तक सरकार ने वर्ष 22-23 तक का भुगतान मिलर्स को नहीं किया है। साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 24-25 में जो पॉलिसी में खामियां हैं जैसे प्रोत्साहन राशि में कमी, धान में पेनल्टी, चावल जमा में पेनल्टी, बैंक गारंटी सीसीटीवी कैमरा लगाना धान तौल कर ना देना। इन सभी को दुरुस्त किया जाये। इस दौरान मिलर्स ने प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल को कस्टम मिलिंग कर पाने में असमर्थता बाबत पत्र सौंपा। अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में सभी जिले के पत्रों के साथ मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों को अवगत कराते हुए जल्द से जल्द उपरोक्त समस्याओं का निराकरण करने की बात कही।

