बिलासपुर। प्राचीन मूर्तियों के खरीददार बनकर पहुंची पुलिस ने जिले के मस्तूरी स्थित प्राचीन मंदिर से करीब 3:30 महीने पहले मूर्ति लूटकर भागे चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से भावर गणेश की बेशकीमती मूर्ति खंडित अवस्था में बरामद कर ली गई है।
एसएसपी पारुल माथुर ने पत्रकारों को बताया कि मस्तूरी थाने के एक आरक्षक को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग प्राचीन मूर्ति बेचने के लिए खरीदार की तलाश कर रहे हैं। सूचना पर पुलिस प्राचीन मूर्तियों के खरीददार बनकर पहुंची और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। भंवर गणेश की प्राचीन मूर्ति खंडित अवस्था में बरामद की गई है।

उन्होंने बताया कि ग्राम ईटवापाली थाना मस्तुरी से 25-26 अगस्त की रात में अज्ञात लोगो ने प्राचीन भांवर गणेश मंदिर के पुजारी महेश राम केंवट को पिस्टल अड़ाकर बंधक बनाया था और मंदिर से प्राचीन मूर्ति लूट कर ले गये थे। यह धार्मिक आस्था एवं प्राचीन ऐतिहासिक बेशकीमती मूर्ति का मामला था । चार दिन पहले ही क्राइम बांच के मस्तुरी के स्थानीय आरक्षक हेमन्त सिंह को मुखबिरों से सूचना मिली कि ग्राम चौहा के दो लडके काले पत्थर के एक टुकडे का सैम्पल लेकर उसे मुर्ति का बताकर चार करोड में बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे हैं। इस सूचना पर क्राइम बांच प्रभारी हरविन्दर सिंह को ग्राहक बनकर सौदा करने भेजा। हरविन्दर सिंह एवं आरक्षक गोविन्द शर्मा ने खुद को कन्नौजउत्तर प्रदेश. ) का व्यापारी बताकर तीन दिन पहले युवराज टण्डन से मुलाकात कर सौदे बाजी की चर्चा करते हुए पहले मूर्ति दिखाने की मांग की। दिनांक 03.12.22 की रात्रि में ग्राम चौहा में पांच लाख के नकली नोट एण्डवांस मनी के रूप में दिखाते हुए क्राईम ब्रांच प्रभारी ने पुनः युवराज टण्डन से पहले मूर्ति दिखाने की बात दोहराई तब युवराज ने अपने दोस्त मोहताब सुमन को फोन कर मोटर सायकिल में मूर्ति मंगवाई जैसे ही मोहताब सफेद रंग के झोले में मोटर सायकिल में बैठकर मूर्ति लेकर आया और झोला खोलकर मुर्ति दिखाई तब क्राईम ब्रांच की आस पास छुपी हुई टीम एवं थाना मस्तुरी के सउनि हेमन्त पाटले के टीम ने घेराबंदी कर युवराज और मोहताब को अपने कब्बे मे लेकर कडाई से पुछताछ करना प्रारम्भ किया तो उक्त दोनों ने अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ पैसे के लालच में उक्त घटना घटित करना स्वीकार किया। चार आरोपियो को मूर्ति लूट के अपराध में गिरफ्तार किया गया है, अतूल भार्गव गांव एवं घर से फरार मिला जिसकी तलाश जारी है। आरोपी युवराज एवं अतुल भार्गव थाना मस्तुरी में पहले भी अन्य मामलो में चालान हो चुके है।

इस मामले का पर्दाफाश करने में अति०पुलिस अधीक्षक द्वय राजेन्द जायसवाल, राहूल देव शर्मा एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मस्तुरी श्रीमती गरिमा द्विवेदी एवं मस्तुरी थाना प्रभारी श्रीमती नुपूर उपाध्याय (परि० उपुअ.) एवं उनकी समस्त टीम साथ ही ए.सी.सी.यू. प्रभारी हरविन्दर सिंह व उनकी समस्त टीम की उल्लेखनीय भूमिका रही है। इस मामले में आरोपियों की सूचना देने वालों के लिए इनाम की घोषणा भी पूर्व में की जा चुकी है।

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