बिलासपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के कोरबा से अंबिकापुर गुजरने के दौरान हसदेव आंदोलनकारियों ग्राम मोरगा में मानव श्रृंखला बनाकर उन्हें अपन संघर्ष और मजबूती से अवगत कराया। राहुल गांधी आंदोलनकारियों द्वारा हसदेव बचाने के नारे लगाते देखकर स्वयं वाहन से उतरकर आए और वहीं एक झोपड़ी के बाहर खाट पर बैठकर बहुत देर तक चर्चा की। 

हसदेव अरण्य संघर्ष समिति के अध्यक्ष और पतुरियाडांड़ के सरपंच उमेश्वर सिंह आर्मो ने पिछले दस साल के आदिवासियों द्वारा किए गए धरना प्रदर्शन तथा पदयात्रा की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि यह पांचवीं अनुसूची का क्षेत्र है और पेसा कानून के अनुसार बगैर ग्रामसभा की अनुमति के कोई खदान नहीं खोली जा सकती और न ही जंगल काटने की अनुमति शासन दे सकता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा तीन सौ किलोमीटर की पदयात्रा कर रायपुर जाकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को फर्जी ग्रामसभा की जांच की मांग की गई,  जो आश्वासन मिलने के बावजूद पूरी नहीं हुई ।

राहुल गांधी ने आंदोलनकारियों  से पूछा कि वे अभी क्या कर सकते हैं ? आंदोलनकारियों  साथ प्रथमेश ने बताया कि  आदिवासियों के संघर्ष की वजह से शासन नई खदान शुरू नहीं कर पा रहा है , मगर इसकी  अनुमति दी जा चुकी है।  यदि आप और आपके कार्यकर्ता आंदोलनकारियों के साथ आ जाएं तो हमारा प्रतिरोध मजबूत होगा और सरकार को सभी खदानों की अनुमति वापस लेनी होगी। राहुल गांधी ने वहीं पर अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे आंदोलन से जुड़़ें और आंदोलनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हसदेव नदी जंगल बचाने में जुट जाएं। 

राहुल  गांधी को यह भी बताया गया कि   खदानों की वजह से हाथी अपने आने-जाने के तय मार्ग से विचलित हो गए हैं, जिससे जानमाल की हानि हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हसदेव क्षेत्र में लगातार बाघ की उपस्थिति देखी जा रही है जो शेड्यूल वन का प्राणी है, जिसके रहवास क्षेत्र में किसी प्रकार की कमर्शियल गतिविधि नहीं हो सकती। राहुल गांधी ने इस बात पर ध्यान दिया और इसका डाक्यूमेंटेशन करने के निर्देश दिए।

प्रथमेश ने राहुल गांधी से कहा कि वे वादा करें कि यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो वे हसदेव क्षेत्र की खदानों की अनुमति रद्द करवाएंगे। कांग्रेस को पिछले कार्यकाल में 43 हेक्टेयर में हसदेव के जंगल काटने की अनुमति देने पर माफी मांगनी चाहिए।

चंद्रप्रदीप बाजपेयी ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सत्ता मिलते ही आदिवासियों को रातोंरात गिरफ्तार कर 93 हेक्टेयर में 30 हजार से अधिक वृक्षों की कटाई की गई।  हसदेव क्षेत्र में कटाई का नतीजा था कि आदिवासी क्षेत्रों से कांग्रेस ने 14 सीटों का नुकसान उठाया। हसदेव आंदोलन के हजारों लोग मोरगा में एकत्रित थे, जिनमें प्रमुख रूप से बजरंग सिंह पैकरा जनपद सदस्य, सुनील अग्रवाल उपसरपंच मोरगा, जयसिंह बिंझवार सरपंच खिरटी, धनसाय मंझवार सरपंच धनाक आदि शामिल हैं। हरिहरपुर स्थित धरनास्थल पर भी बड़ी संख्या में ग्रामीण राहुल गांधी का इंतजार कर रहे थे। बिलासपुर से जाने वाले कार्यकर्ताओं में रतीष श्रीवास्तव, सौरभ गुरु तिवारी, पवन पांडेय, योगेश गुप्ता इत्यादि अनेक आंदोलनकारी थे।

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