रायपुर। Raipur City Crime: राजधानी रायपुर में इंटीरियर डिजाइनर सिद्धार्थ आशटकर के अपहरण के मामले में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में इंटीरियर डिजाइनर के पूर्व किराएदार गिरफ्तार आरोपी अंकित मिश्रा और उसके साथी राज तोमर को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी ग्वालियर के रहने वाले हैं। वर्तमान में अमित अमलेश्वर थाना दुर्गा नगर अमलेश्वर में रहता था वहीं राज तोमर कमल विहार थाना टिकरापारा में निवास कर रहा था।

Raipur City Crime: इंटीरियर डिजाइनर के कर्मचारी उमेश साव की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन किया था। मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अभिषेक ने बताया कि अपहरणकर्ताओं की पतासाजी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीम ने रायपुर जिले के कई स्थानों में नाकेबंदी पाईंट लगाया था।

Raipur City Crime: पूछताछ के दौरान प्रार्थी से आरोपियों के हुलिये व उनके द्वारा उपयोग किए गए चारपहिया वाहन के संबंध में भी जानकारी जुटा रही थी। इसी दौरान पुलिस की कड़ी नाकेबंदी व अपहृत की लगातार पतासाजी को देखते हुए आरोपी अपहृत सिद्धार्थ आशटकर को कवर्धा जिले के दशरंगपुर में छोड़कर फरार हो गए।

0.Raipur City Crime: ऐसे मिली आरोपियों की जानकारी

Raipur City Crime: जांच के दौरान एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा डीडीनगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा अपहृत सिद्धार्थ आशटकर से घटना व आरोपियों के संबंध में विस्तृत पूछताछ करते हुए अपहरणकर्ताओं द्वारा अपहृत को जिन-जिन मार्गो से ले जाया गया था उन मार्गो में लगे सीसीटीव्ही कैमरों के फुटेजों की जांच कर रही थी।

Raipur City Crime: जांच के दौरान टीम को इंटीरियर डिजाइनर सिद्धार्थ आशटकर के किरएदार अंकित मिश्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो अपहरण की पूरी सच्चाई सामने आई। आरोपी अंकित मिश्रा ने पुलिस को बताया कि वो पहले सिद्धार्थ आशटकर के डीडी नगर रायपुर स्थित मकान में किराये से रहता था।

Raipur City Crime: आरोपी का साथी राज तोमर उसके पास हमेशा रायपुर आता-जाता था। सिद्धार्थ आशटकर के पिता ने हाल ही में नया मकान बनवाया था। ये देखकर दोनों ने सिद्धार्थ आशटकर की अपहरण करने की योजना बनाई तथा अपने योजना में अपने 03 अन्य साथियों को भी शामिल किया। लेकिन पुलिस की सख्ती और पकड़े जाने की डर से सभी उसे कवर्धा जिले के दशरंगपुर में छोड़कर फरार हो गए। आरोपियों ने स्वीकार किया कि वो सिद्धार्थ आशटकर का अपहरण कर उसके पिता से एक करोड़ रुपए की फिरौती वसूल करने के इरादे से घटना को अंजाम दिया था।

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