नई दिल्ली । गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा तुरंत आत्मसमर्पण करने का आदेश देने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है । सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सरेंडर करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता पद्मश्री से सम्मानित और योजना आयोग की पूर्व सदस्य तीस्ता सीतलवाड़ को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए समय नहीं देने पर सवाल उठाया और कहा कि सामान्य अपराधी भी कुछ अंतरिम राहत का हकदार होता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट ने जो किया, हम उससे आश्चर्यचकित हैं. आखिर ऐसी क्या चिंताजनक तात्कालिकता थी ? याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर गुजरात हाईकोर्ट तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से राहत प्रदान कर देता तो क्या आसमान गिर जाता?

सुप्रीम कोर्ट में रात में ही हुई सुनवाई:

गुजरात हाईकोर्ट द्वारा नियमित जमानत देने से इनकार और तुरंत सरेंडर किये जाने के आदेश के बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर रात सवा नौ बजे सुनवाई का फैसला किया।वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने जमानत शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। इसके बाद इस पूरे मामले पर गुजरात कोर्ट के फैसले पर आश्चर्य जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को राहत दे दी।

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