राष्ट्रपति,राज्यपाल किसी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं – राज्यपाल सचिवालय की दलील 
बिलासपुर ।  हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आरक्षण संशोधन विधेयक रोककर रखने के  मामले में जवाब के लिए नोटिस जारी करने के फैसले पर रोक लगा दी है। नोटिस जिस कोर्ट ने जारी किया था उसी कोर्ट ने इस दलील के बाद फैसले पर रोक लगा दी कि राज्यपाल को नोटिस नहीं दिया जा सकता।
राज्यपाल सचिवालय की ओर से इस नोटिस की वैधानिकता को चेतावनी देते हुए याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति, राज्यपाल को कोई कोर्ट नोटिस जारी नहीं कर सकता। इस याचिका पर कल हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी करने के अपने ही फैसले पर रोक लगा दी। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल के आरक्षण विधेयक रोककर रखने के मामले में  दायर याचिका पर पैरवी के लिए दिल्ली से जाने-माने वकील  कपिल सिब्बल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट आए थे। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि राज्यपाल को कोई विधेयक इस तरह रोककर  रखने का अधिकार नहीं है। राज्यपाल को सहमति या असहमति  जाहिर करने का ही अधिकार है। इसी तर्क के आधार पर राज्यपाल  सचिवालय को  कोर्ट ने नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब तलब किया था।


 
		 
	

 
