बिलासपुर । स्थानीय विनायक नेत्रालय द्वारा इलाज से मना करने और आयुष्मान कार्डधारी मरीज को लौटाने की शिकायत स्वास्थ्य विभाग में की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में कार्रवाई के लिए राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है।
सूत्रों के मुताबिक विनायक नेत्रालय ने आयुष्मान कार्ड पर निःशुल्क इलाज की सुविधा लागू नहीं की है। हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है की मोतियाबिंद के ऑपरेशन का आयुष्मान में काफी कम रेट दिया गया है। मरीजों द्वारा महंगे लेंस की मांग की जाती है। आयुष्मान कार्ड में केवल 2 हजार मोतियाबिंद के ऑपरेशन का रेट है इस वजह से हॉस्पिटल आयुष्मान कार्ड पर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग में पंजीयन ही नहीं कराया। शहर का बड़ा हॉस्पिटल होने के कारण मरीज विनायक नेत्रालय में आयुष्मान कार्ड लेकर पहुंच रहे हैं परंतु उनको लौटा दिया जा रहा है । आयुष्मान कार्ड पर इलाज की सुविधा नहीं मिलने से उनको मजबूरी में पैसे देकर मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना पड़ रहा है ।आयुष्मान कार्ड में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए बहुत कम रेट होने से प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज करना नहीं चाहते ।इन प्राइवेट हॉस्पिटलों में विभिन्न के इलाज 10 गुना अधिक रेट हैं और मरीजों को इलाज के लिए मोटी रकम देनी पड़ रही है। देखा जाए तो आयुष्मान कार्ड में 24 बीमारियों केइलाज की सुविधा दी गई है। सरकारी हॉस्पिटलों में 167 बीमारियों का इलाज कराया जा सकता है।प्राइवेट हॉस्पिटल म आयुष्मान कार्ड पर इलाज की सुविधा क लिए पंजीयन ही नहीं करा रहे हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग लगातार शहर के हास्पिटलो को पत्र जारी कर पंजीयन कराने का दिशानिर्देश दे चुका है । केवल 20% प्राइवेट हॉस्पिटलों में आयुष्मान कार्ड पर इलाज हो रहा है । स्वास्थ्य विभाग अब राज्य सरकार से आयुष्मान कार्ड पर प्राइवेट हॉस्पिटल पर कार्रवाई करने को मार्गदर्शन मांगा है। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना आयुष्मान कार्ड पर निःशुल्क इलाज की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। आयुष्मान कार्ड पर 5 लाख तक इलाज की सुविधा दी गई है । प्राइवेट हॉस्पिटलों की कमाई नहीं होने से आयुष्मान कार्ड को लागू नहीं कर रहे हैं ।अब देखना होगा कि केंद्र और राज्य सरकार स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटलों पर शिकंजा कैसे कसती है।
शासन से मार्गदर्शन मांगा है
विनायक नेत्रालय में मोतियाबिंद के आपरेशन ख आयुष्मान कार्ड मरीज और परिजन आयुष्मान कार्ड लेकर हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं , लेकिन उन्हें लौटा दिया जा रहा है। इसकी शिकायत आई है ।कार्रवाई के लिए राज्य शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है । शहर के बड़े हॉस्पिटल पंजीयन नहीं करा रहे हैं, जिसके कारण आयुष्मान कार्ड पर सभी हॉस्पिटलों में इलाज शुरू नहीं हो पाया है ।
अनिल श्रीवास्तव
सीएमएचओ, बिलासपुर
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