जहां दफनाई थी लाश वहां बन चुकी थी फोरलेन सड़क, जेसीबी से कराई गई खुदाई
कोरबा। न्यूज एंकर सलमा सुल्ताना की हत्या के पांच साल बाद उसका कंकाल सड़क किनारे जेसीबी खुदाई कराकर पुलिस ने बरामद किया। हत्या का खुलासा कुछ रोज पहले हुआ था। मुख्य आरोपी और उसके सहयोगियों की निशानदेही पर न्यायालय से पुलिस ने मौके पर खुदाई कराई जहां से प्र बोरे में बंद सलमा का कंकाल हुआ।
ग न्यूज एंकर सलमा सुल्ताना लस्कर के 20 जनवरी 2019 को लापता हो जाने रिपोर्ट उसके परिजनों ने कुसमुंडा थाने में दर्ज कराई थी। चार साल तक पुलिस छानबीन करती रही, लेकिन सलमा का कहीं पता नहीं चला। पुलिस अधीक्षक यू उदय किरण जिले के एसपी बनकर आए। मार्च 2023 में राज्य स्तरीय ऑपरेशन मुस्कान में गुम इंसानों की तलाश का विशेष अभियान शुरू किया गया। सलमा सुल्ताना की भी केस डायरी खोली गई । उसके परिजनों के फिर से बयान लिए गए।
इस बीच ज्ञात हुआ कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से सलमा ने करीब 7 लाख रुपए का कर्ज लिया था। छानबीन में पता चला कि उसके लापता होने पर भी किश्त की राशि जमा हो रही थी। पुलिस ने बैंक से उस नंबर का पता लगाया , जिससे किश्त जमा हो रही थी। इस एक सुराग के सहारे सलमा के गुनहगारों तक पहुंचने में पुलिस सफल हो गई। बैंक की किश्त गंगाश्री जिम का संचालक मधुर साहू पिता अजय कुमार साहू 37 वर्ष निवासी न्यू अमरैय्यापारा जमा कर रहा था। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उसने 21 अक्टूबर 2018 को शारदा विहार कालोनी के एलआईजी-17 मकान में गला घोंट कर सलमा की हत्या करना क़बूल कर लिया।
सलमा को आरोपी मधुर बतौर पत्नी शारदा विहार के उक्त मकान को किराए पर लेकर रह रहा था। संबंधों में खटास और लेन-देन के विवाद में उसने कौशल श्रीवास पिता हीरादास 29 वर्ष निवासी दर्री सिंचाई कालोनी की मदद से हत्या को अंजाम दिया और फिर अतुल शर्मा पिता नरेश शर्मा 26 वर्ष रूमगरा की क्रेटा कार क्रमांक सीजी-12एव्ही-1615 में शव को भवानी मंदिर के सामने कोहडिय़ा पुल के आसपास ले जाकर दफना दिया था।
इससे पहले पुलिस की प्रारंभिक में एक संदेही ने वह जगह दिखाई थी, जहां 5 साल पहले सलमा की लाश दफनाई गई थी। उक्त मार्ग में फोरलेन बन जाने के कारण पुलिस को तलाश में दिक्कत हुई। सडक़ के साथ-साथ जंगल क्षेत्र को भी खोदा गया, लेकिन कंकाल नहीं मिला। सेटेलाइट डेटा, थर्मल इमेजिंग एवं ग्राउंड पेनेट्रेशन रॉडार मशीन का भी सहारा लिया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूरा मामला खुल गया और फिर से मौके पर इन्हें ले जाया गया तब जो स्थान बताया वह सडक़ के किनारे था। अनुविभागीय दण्डाधिकारी के न्यायालय से आदेश प्राप्त कर मंगलवार को पुलिस ने उक्त स्थल की खुदाई शुरू की। इसे देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे। आखिरकार एक बोरा गड्ढे से निकला जिसमें सलमा के शव को बांधकर दफनाया गया था। उसकी चप्पल और शरीर पर मौजूद जेवरात भी मिले हैं।
कंकाल की होगी डीएनए जांच
हत्या के इस मामले के आरोपियों को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन हत्या के पांच साल बाद शव की बरामदगी उसके सामने बड़ी चुनौती थी। अब कंकाल बरामद हो जाने के बाद को आवश्यक प डीएनए जांच भी कराने की बात कही जा रही है। बहरहाल कंकाल के बरामद हो जाने से न्यायालय में मामले को सिद्ध किया जा सकेगा।