बिलासपुर । बहुचर्चित संजू त्रिपाठी हत्याकांड के शूटर्स गैंग के सदस्य ने पुलिस की पूछताछ में कबूल किया है कि कब – कब क्या हुआ। बिलासपुर पुलिस के इनपुट पर इसे उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसे वहां से ले आया गया है। उसने बताया कि वह एक लाख रुपए के लालच में इस वारदात को अंजाम देने वाले अन्य चार शूटरों के साथ गैंग में शामिल हो गया था। ये चार शूटर अभी तक गिरफ्तार नहीं किए जा सके हैं।
एसएसपी पारूल माथुर की मौजूदगी में इसे मीडिया के सामने पेश किया गया। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के मुगलसराय थाने के इस्टर्न बाजार निवासी प्रसीन गुप्ता (27 वर्ष) से पुलिस की पूछताछ में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार इस हत्याकांड की साज़िश 5 – 6 माह से रची जा रही थी।

पुलिस पूछताछ में प्रसीन गुप्ता ने बताया कि करीब 5-6 महीने पहले बनारस निवासी विनय द्विवेदी उर्फ गुरुजी से उसकी बातचीत हुई थी। विनय द्विवेदी ने उसे बोला था कि बिलासपुर जाकर एक काम करना है, जिसके एवज में तुमको एक लाख रुपये मिलेंगे। पैसे के लालच में वह 9 दिसंबर को विनय द्विवेदी के साथ बनारस से बस में बैठकर बिलासपुर आया था। बिलासपुर में प्रेम श्रीवास नाम के व्यक्ति ने दोनों को बस स्टैंड से अपने साथ ले जाकर दोनों को कपिल त्रिपाठी के घर पर ठहराया जहां दानिश अंसारी और एजाज अंसारी पहले से मौजूद थे। 11 दिसंबर को पप्पू दाढ़ी निवासी बनारस भी वहां पहुंच गया। 11 दिसंबर की रात 8:00 बजे कपिल त्रिपाठी ने सभी के साथ मीटिंग की और बताया कि वह अपने बड़े भाई संजू त्रिपाठी से बहुत परेशान है, जिसकी हत्या करने की बात उसने कहीं । कपिल त्रिपाठी के पास 3 पिस्टल और 20 कारतूस थे।

14 दिसंबर को सभी लोग कपिल त्रिपाठी के घर बैठे थे कि तभी दोपहर 3:00 बजे कपिल त्रिपाठी के पास किसी का फोन आया। फोन करने वाले ने कपिल त्रिपाठी को बताया कि संजू त्रिपाठी अपने फार्म हाउस से लगभग 3:30 बजे निकलेगा। सूचना के बाद हम सभी लोग अलग-अलग चार गाड़ी में सवार होकर कपिल त्रिपाठी के फार्महाउस से सकरी बाईपास जाने के लिए निकले। उसने बताया कि वह अमन गुप्ता की सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार चला रहा था, जिसमें भरत तिवारी, आशीष तिवारी, राजेंद्र ठाकुर बैठे थे। एक नीले रंग की पुरानी बलेनो कार को विनय द्विवेदी उर्फ गुरुजी चला रहा था । बलेनो कार में शूटर्स दानिश, पप्पू दाढ़ी, एजाज उर्फ सोनू कट्टा कारतूस से लैस होकर बैठे थे। सभी लोग सकरी बाईपास में जाकर संजू त्रिपाठी की हत्या करने के इंतजार में थे। तभी दानिश के पास फोन आया कि संजू त्रिपाठी की गाड़ी एमजी हेक्टर सफेद रंग की जिसमें लाल रंग का बोर्ड लगा है आ रही है। करीब 4:10 बजे जैसे ही गाड़ी दिखी तो स्विफ्ट डिजायर को स्पीड ब्रेकर के पास संजू त्रिपाठी की एमजी हेक्टर कार के सामने लाकर खड़ा कर दिया, जिससे संजू त्रिपाठी की एमजी हेक्टर गाड़ी को रोकना पड़ा। इसी बीच नीले रंग की बोलेरो कार में सवार पप्पू दाढ़ी, दानिश, एजाज उर्फ सोनू और विनय द्विवेदी उर्फ गुरुजी उतरे और गाड़ी को दोनों तरफ से घेरकर फायर करना शुरू कर दिया। ड्राइवर सीट की तरफ दानिश अंसारी एवं एजाज उर्फ सोनू तथा गाड़ी के बाएं तरफ से पप्पू दाढ़ी और विनय द्विवेदी ने फायरिंग की। पहला फायर दानिश अंसारी उर्फ सोनू ने किया। फायरिंग करने के बाद दानिश अंसारी ने बताया कि संजू त्रिपाठी मर गया है, जिसके बाद सभी अलग-अलग गाड़ियों में बैठकर उत्तर प्रदेश की ओर भाग गए। पुलिस को चारों प्रमुख शूटरों बनारस निवासी दानिश अंसारी, एजाज अंसारी उर्फ सोनू, मानिकपुर निवासी विनय द्विवेदी उर्फ गुरुजी और बनारस निवासी पप्पू दाढ़ी की तलाश है

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