अंबिकापुर। सर्व आदिवासी समाज 2023 के विधानसभा चुनावों में सभी 30 आरक्षित और 20 सामान्य सीटों पर समाज की ओर से उमीदवार उतारने का निर्णय लिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अरविंद नेताम ने यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा सरकार पर आदिवासियों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया। श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद जो अधिकार आदिवासियों को मिलने थे वे अधिकार न तो भाजपा सरकार में और न ही कांग्रेस सरकार में आदिवासियों को मिले। श्री नेताम ने कहा कि बस्तर और सरगुजा संभाग में पेसा कानून का पालन नही हो रहा है, ऐसे में आदिवासियों के लिए बने कानून के संवैधानिक अधिकार का लगातर हनन हो रहा है। वही भानुप्रतापपुर से विधायक रहे मनोज मंडावी के निधन के बाद उपचुनाव का उदाहरण देते हुए अरविंद नेताम ने कहा कि आदिवासी समाज में सरकार के प्रति आक्रोश का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव में आदिवासी वर्ग के निर्दलीय उम्मीदवार को 16 प्रतिशत वोट मिले थे । भानुप्रतापपुर उपचुनाव से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने आने वाले विधानसभा चुनाव में समाज से उमीदवार उतारने का फैसला लिया है। प्रदेश की 30 आरक्षित सीटों पर आदिवासी समाज से उमीदवार कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनावी मैदान में आमने-सामने होंगे।

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