रायपुर। School board examination: सीजी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इसी सत्र से 5-8 वीं की परीक्षा लेने का आदेश ऐसे निजी स्कूलों के लिए मुसीबत बन गया है, जो पाठ्य पुस्तक निगम की बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ा रहे हैं। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग से 10 दिनों में जवाब मांगा है।
School board examination: इस मामले में निजी स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने पहले ही शिक्षा विभाग को लिखकर दिया था कि वो सीजी समग्र एवं मूल्यांकन पैटर्न पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। अब तक इन कक्षाओं के होम एग्जाम हुआ करते थे, लेकिन सत्र के आखिर में सीजी बोर्ड से पांचवीं और आठवीं की परीक्षा आयोजित कर शिक्षा विभाग मनमानी करने पर आमादा है। इस मामले को लेकर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का रुख किया है। जहां कोर्ट ने कर्नाटक के मामले को लेकर हुए निर्णय का हवाला देते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते। जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है।
School board examination: हाईकोर्ट ने पूछा कि जब कर्नाटक में बीच सत्र में इस तरह का निर्णय लिया गया था, तो उसका भी एक आदेश आया था, जिसके तहत छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग निर्णय क्यों नहीं ले सकता। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सीबीएसई स्कूलों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्हें पांचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षा देनी है या नहीं। हालांकि शिक्षा विभाग का आदेश है कि शासकीय स्कूल और निजी स्कूल सभी में पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होने जा रही है, जिसकी तैयारी में वह जुट गए हैं।