संत गहिरा गुरु के पुत्र एवं जिला पंचायत सदस्य के साथ मारपीट की घटना पर हंगामा
थाने ने सामने भाजपा नेताओं का प्रदर्शन जारी, दोषियों पर एफआईआर की मांग
जशपुर नगर । बगीचा क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य एवं आदिवासी संत गहिरा गुरु पुत्र के साथ मारपीट के मामले में वहां के एसडीओपी शेर बहादुर सिंह को बगीचा से हटाते हुए एसपी ऑफिस में अटैच कर दिया गया है।वहीं एसडीओपी के गार्ड सीएएफ के जवान संतोष उपाध्याय और आरक्षक राजकुमार मनहर को सस्पेंड कर दिया गया है।
पिटाई और जबर्दस्ती वाहन में बिठा कर थाने ले जाने का वीडियो वायरल होने के बाद आईजी के आदेश पर एसडीओपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई के बावजूद थाने के बाहर भीड़ जमी हुई है। लोग थानेदार को भी सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में सांसद गोमती साय ने पहले ही बयान जारी कर कह दिया हैं कि एसडीओपी ठाकुर के खिलाफ आदिवासी एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
बताया जा रहा है कि एसडीओपी शेर बहादुर सिंह जमीन संबंधी मामले की जांच करने दुर्गापारा गए हुए थे। मामला सुलझाने के बाद वे बैठे हुए थे। इतने में भीड़ देखकर जिला पंचायत सदस्य (डीडीसी) गेंदबिहारी सिंह रुक गए , जहां एसडीओपी से उनसे दुर्व्यवहार किया और मामला देखते ही देखते गंभीर हो गया। यहां एसडीओपी के तीनों गार्ड ने मिलकर उनके साथ मारपीट की और उन्हें वाहन मे जबर्दस्ती बैठाखर बगीचा थाना ले गए।
सामरबहार निवासी जिला पंचायत के सद्स्य गेंदबिहारी आदिवासी संत गहिरा गुरु के पुत्र हैं। उनके साथ हुई इह घटना का सोशल वीडियो वायरल होने से पूरे क्षेत्र में बवाल मच गया। ग्रामीणों के साथ सनातन संत समाज व बीजेपी के लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कार्यवाही की मांग शुरु कर दी । देखते ही देखते पूरे बगीचा में दुकानें बंद हो गईं और सारे लोग थाने में एकत्र हो गए। इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस के आला अधिकारी यहां लोगों को शांत करने में जुटे रहे।
इस मामले को लेकर तनाव बढ़ता देख जशपुर पुलिस अधीक्षक डी.रविशंकर ने मामले की जानकारी ली। इस बीच आईजी के निर्देश पर एसपी ने एक टीम बना कर मामले की जांच शुरू कर दी है। एसपी ने मीडिया को बताया कि मामले में गार्ड सीएएफ के जवान संतोष उपाध्याय और आरक्षक राजकुमार मनहर को सस्पेंड कर दिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और भाजयुमो के जिलाध्यक्ष शौर्य प्रताप जूदेव भी थाने के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। पूर्व सांसद रणविजय सिंह ने इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि के साथ पुलिस का यह रवैया बिलकुल शर्मनाक है।उन्होंने कहा कि वीडियो जनप्रतिनिधि गेंदबिहरी साय के साथ मारपीट करने वाले सिविल ड्रेस में हैं । आखिर सिविल ड्रेस में कौन लोग है जो गुंडागर्दी करते वीडियो में दिख रहे हैं।
इस घटना में कार्रवाई के बावजूद लोगों का गुस्सा काम नहीं हुआ है। लोग अब भी थाने को घेरे हुए हैं और टीआई के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वे प्रकरण में संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे है।