सूरजपुर। Seth Banarasi Das Agarwal Memorial Chowk inaugurated: नगर के केतका रोड में वार्ड क्रमांक-12 स्थित शंकर मंदिर के पास सेठ बनारसी दास अग्रवाल स्मृति चौक का लोकार्पण एवं प्रतिमा का अनावरण उनकी पुत्री श्रीमती गिन्नी बाई अग्रवाल व नपा अध्यक्ष केके अग्रवाल के आतिथ्य में किया गया। 

Seth Banarasi Das Agarwal Memorial Chowk inaugurated: नगर के महलवाला परिवार द्वारा निर्मित चौक का लोकार्पण व प्रतिमा अनावरण के संबंध में परिवार के लालचंद अग्रवाल व गिरधारीलाल अग्रवाल ने बताया कि हमने अपने पूर्वज नगर सेठ बनारसी दास अग्रवाल महलवाला की स्मृति में पारिवारिक मंदिर परिसर स्थित तिराहे पर चौक निर्माण इच्छा  व्यक्त की थी। नगर पालिका के अध्यक्ष केके अग्रवाल की पहल व इच्छाशक्ति पर इस आवेदन को सामान्य सभा परिषद के द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर उक्त स्थान पर उनके नाम के चौक का नामकरण करने के प्रस्ताव  का अनुमोदन किया गया। इसके पश्चात परिजनों द्वारा वहां प्रतिमा स्थापित कराई गई, जिसके अनावरण के साथ भव्य व आकर्षक चौक का समारोहपूर्वक लोकार्पण किया गया।

Seth Banarasi Das Agarwal Memorial Chowk inaugurated: चौक निर्माण के लिए परिजनों ने नपा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। इस दौरान कार्यक्रम में प्रहलाद राय अग्रवाल, नत्थूलाल अग्रवाल, भोला प्रसाद अग्रवाल, शंकरलाल अग्रवाल, प्रेमचंद अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, बजरंगलाल अग्रवाल, कन्हैया अग्रवाल, ध्रुव अग्रवाल, रामफल अग्रवाल, ज्ञानीराम अग्रवाल, विजय अग्रवाल, विष्णुराम अग्रवाल, बांके बिहारी अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, राजेन्द्र अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, अमृतलाल अग्रवाल, महावीर अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में नगर के गणमान्यजन, नगर पालिका के जनप्रतिनिधि व राजनीतिक दलों के पदाधिकारी उपस्थित थे। 

रियासतकाल में मिली थी नगर सेठ की उपाधि

Seth Banarasi Das Agarwal Memorial Chowk inaugurated: सेठ बनारसी दास महलवाला को रियासतकाल के दौरान महाराज सरगुजा  द्वारा इन्हें सूरजपुर कानगर सेठ कहा जाता था। हरियाणा के मानहेरू से आकर यहां व्यापार करने के साथ क्षेत्र को बड़ा व्यापारिक केन्द्र बनाने वाले स्व. बनारसी दास अग्रवाल सभा के पहले अध्यक्ष होने के साथ महामाया मंदिर देवीपुर व अग्रवाल धर्मशाला तथा शंकर मंदिर के निर्माणकर्ता थे। पगड़ी वाले सेठ के रूप में विख्यात स्व. बनारसी दास अपने आकर्षक व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे और 40 गज की पगड़ी पहनते थे। उस दौरान का सबसे पुराना दो मंजिला मकान आसपास में नहीं था और पहली गाड़ी फोर्ड जीएमसी भी इन्ही के पास थी। स्व. बनारसी दास रामस्वरूप दास अग्रवाल के पुत्र तथा दीपचंद अग्रवाल, लच्छूराम अग्रवाल तथा नान्हू राम अग्रवाल के बड़े भाई थे व दो बहनों में भाग्या देवी व सुरगी बाई थीं। चौपड़ व हुक्का के शौकीन सेठ बनारसी दास चौपड़ खेलने अम्बिकापुर व रायगढ़ तक जाते थे। उस दौरान रियासतकाल में सरगुजा स्टेट  द्वारा सिंडिंकेट कपड़े की एजेंसी भी सेठ बनारसी दास के पास थी।

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