तंबाकू धूम्रपान मुक्त शैक्षणिक संस्थान के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन
बिलासपुर( फोर्थलाइन) स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले को तंबाकू एवं धूम्रपान मुक्त करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अनिल श्रीवास्तव के संयोजन में संचालित राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के समस्त महाविद्यालयों को तंबाकू मुक्त विद्यालय बनाने के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गयाl अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के सहयोग से समस्त महाविद्यालय के प्राचार्य एवं नोडल शिक्षक के लिए आयोजित कार्यशाला में उपस्थित छात्रों एवं शिक्षकों ने तंबाकू धूम्रपान मुक्ति का संकल्प लिया है lयह आयोजन गत दिवस अटल बिहारी वाजपई विश्वविद्यालय के परिसर में किया गया।
कार्यशाला में कुलपति प्रोफेसर एडीएन बाजपेई ने समस्त महाविद्यालय प्राचार्य से तंबाकू मुक्त समाज बनाने के निर्माण में सहयोग की अपील की। उन्होंने स्वयं से आरंभ करते हुए समस्त महाविद्यालयों को तंबाकू मुक्त घोषित किए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्देशित मापदंडों को पूर्ण करने हेतु आग्रह भी किया l इस मौके पर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल प्रोफेसर गौरव साहू ने कहा तंबाकू धूम्रपान मुक्ति के लिए लगातार प्रयास विभाग की ओर से किया जा रहा है। युवाओं को तंबाकू और सिगरेट को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डॉ अनुपम नायक ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तंबाकू के दुष्प्रभाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में तंबाकू प्रयोग करने की व्यापकता लगभग 39% है। वहीं 13 से 15 साल के बच्चों में इसकी व्यापकता 8% है। तंबाकू का उपयोग शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित करता हैl अगर कम उम्र में ही तंबाकू व धूम्रपान की लत लगेगी तो उसे छोड़ पाना बहुत मुश्किल होता हैl उन्होंने बताया 75 फ़ीसदी तंबाकू खाने वाले जो तंबाकू प्रयोग करते हैं उनकी उम्र 18 से कम होती है इसलिए उनके लिए छोड़ पाना बहुत कठिन होता है शिक्षा संस्थाओं का दायित्व है कि वे युवाओं को तंबाकू के नशे से दूर रखने में मदद करें। इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों एवं अध्यापकों ने तंबाकू और सिगरेट छोड़ने का संकल्प लियाl