बिलासपुर । ई. राघवेंद्र राव साइंस कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के अंतिम दिन के प्रथम तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता डॉ॰ रामप्रसाद ,सह – प्राध्यापक , (महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार ) ने वनस्पति शास्त्र का नैनो साइंस एवं नैनोटेक्नोलॉजी के उपयोग व संभावित खोज कार्य से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया एवं नैनो टेक्नोलॉजी से निर्मित विभिन्न कीटनाशक एवं उर्वरक की जानकारी दी।

द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ आर एस खेर , प्राचार्य (शासकीय एमएलएस पीजी कॉलेज सीपत) ने अपने खोज के अनुभवों को साझा किया एवं छात्रों का मार्गदर्शन किया। डॉक्टर खेर ने नैनो साइंस व नैनो टेक्नोलॉजी के बीच अंतर रेखांकित किया, जो छात्रों के बीच संशय का विषय रहा है। उन्होंने नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लाइटिंग व डिस्प्ले मैं कैसे होता है, इसकी जानकारी से भी छात्रों को अवगत कराया।

दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला मे पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका शीर्षक था “नैनो साइंस व नैनोटेक्नोलॉजी और मानव जीवन पर इसका प्रभाव” , जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। पोस्टरों की समीक्षा डॉ नीता गुप्ता, डॉ आशीष तिवारी एवं डॉ नीना राय ने किया और प्रतिभागियों को विषय संबंधित जानकारी प्रदान की।

संपूर्ण कार्यशाला की अध्यक्षता रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ए.एल.एस.चंदेल ने की। समापन भाषण में डॉक्टर चंदेल ने कार्यशाला को सफल बताया और छात्रों को नैनो साइंस व नैनो टेक्नोलॉजी का महत्व बताया। कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ अरुण कुमार कश्यप, डॉ नीता गुप्ता, डॉ अविनाश पांडे, डा. डी.पी. साहू एवं डॉ. नीना राय की अहम भूमिका रही।

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